________________
(१२३) १-दोनों बांधे उसमें से पाप क्षय हो जावे तथा पुण्य
उदय आवे। २-दोनों बांधे उसमें से पुण्य क्षय हो जावे तथा पाप
उदय आवे । ३-दोनों बांधे और दोनों ही क्षय होजावे उदय नहीं आवे । ४-दोनों बांधे तथा दोनों ही उदय में आवे | १-पुण्य का पुण्य होवे । २-पुण्य का पाप होवे । ३-पाप का पुण्य होवे। ४-पाप का पाप होवे । १-पुण्य में पुण्य होवे । २-पुण्य में पाप होवे । ३-पाप में पुण्य होवे । ४-पाप में पाप होवे । १-पुण्य में पुण्य की भति । २-पुण्य में पाप की भति । ३-पाप में पुण्य की भति । ४-पाप में पाप की भति । १-दोनों वांधे और दोनो परिणमें एक पाप उदय आवे । २ दोन बांध और दोनों परिणमें एक पुण्य उदय आवे ।
इस प्रकार बंध तत्व के भांगे बताये ह ।