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१४, वर्ष ४४, कि०५
अनेकान्त
पाण्डलिपियों के आधार पर किया जायेगा। सम्पादित विषयों पर ऐतिहासिक और भाषावैज्ञानिक दृष्टि से पाठ के आधार पर हिन्दी और अंग्रेजी अनुवाद किये विचार किया जायेगा। प्रस्तारना तथा परिशिष्टों में सभी जायेगे। पहली बार नियमसार का सम्पूर्ण शब्दकोश सम्बद्ध महत्वपूर्ण विषयों का समावेश होगा। प्रस्तुत तयार किया जा रहा है। नियमसार की कतिपय गाथायें संस्करण को सागपूर्ण बनाने हेतु विद्वानों के सुझाव सादर कुन्दकुन्द के अन्य ग्रन्थों में भी यथावत् या किंचित् शब्द आमंत्रित है। परिवर्तन के साथ प्राप्त होती हैं। प्राकत के अन्य दिगम्बर
रिसर्च एसोशिएट तथा श्वेताम्बर ग्रन्थों में भी कतिपय गाथाओं अथवा
प्राकृत एवं जैनागम विभाग विषयों में साम्य प्राप्त होता है। तुलना के लिए उन्हें
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय मूल के साथ सन्दर्भ उद्धृत किया जायेगा। उक्त सभी
वाराणसी-२
(पृ० ११ का शेष) कार्यों मे महत्त्वपूर्ण सहयोग मिल सकेगा, ऐसी आशा जिन विद्वानों ने सूचीकरण का कार्य किया है अथवा कर करनी चाहिए। इससे हमारे अतीत का गौरव मुखर होगा रहे हैं, उनसे भी निभेदन है कि वे उपर्युक्त सूचना तथा हमारी सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण रह सकेगी। मेरे पते पर देकर मेरा मार्गदर्शन करे। मैं उनका ऐतिहासिक तथ्यों के प्रबल साक्षी भाषायी पुरावशेष भी आभारी रहंगा। इससे इस कार्य को निर्धारित समय में अपनी कहानी स्वय कह सकेगे और हमारी अगली पीढ़ी पूर्ण किया जा सकेगा। सूचना देने वाले सवालको/मालिकों को एक शाश्वत रोशनी दे सकेगे।
विद्वानों द्वारा इस कार्प-गम्पादन में जो भी व्यय होगा. अद्यावधि जिन सूची-ग्रन्थों का मुद्रण हो चुका है और उसे विश्वविद्यालय की ओर से मैं वहन करूंगा। उनमें आचार्य कुन्दकन्द के ग्रन्थो की प्राचीन पाण्डुलिपियों का उल्लेख है अथवा जिन ग्रन्थ-भण्डारो व्यक्तिगत संग्रहों
सम्पर्कसूत्र : मे आचार्य कुन्दकुन्द के ग्रन्थो की हस्तलिखित प्राचीन
बी २/२४६, लेन नं०१४ पांडुलिपियां उपलब्ध है, उनके संचालको/मालिको तथा
रवीन्द्रपुरी, वाराणसी-२२१००५
अनेकान्त के स्वामित्व सम्बन्धी विवरण प्रकाशन स्थान--वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२ प्रकाशक-वीर सेवा मन्दिर के निमित्त श्री बाबूलाल जैन, २ अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-२ राष्ट्रीयता--भारतीय। प्रकाशन अवधि- मासिक । सम्पादक-श्री पद्मचन्द्र शास्त्री, वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, नई दिल्ली-२ राष्ट्रीयता-भारतीय। मुद्रक-गीता प्रिटिंग एजैसी, न्यू सीलमपुर, दिल्ली-५३ स्वामित्व-वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, नई दिल्ली-२ मैं बाबूलाल जैन, एतद् द्वारा घोषित करता हूं कि मेरी पूर्ण जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपर्युक्त विवरण मत्य है।
बाबूलाल जैन
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