Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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E-११
२७६
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३०३ ३०४
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" ३३-३५
२८१
॥ २०-२१
३०५
३०६
३०६
له
२८३
(xxi) गाथा व सूत्र पृष्ठ
गाथा व सूत्र चौदहवां अध्ययन : तेतली
धन का प्रव्रज्या-पद
सूत्र २०-२१
निक्षेप-पद उत्क्षेप-पद
२७६ सूत्र १-७
टिप्पण पोट्टिला का क्रीड़ा-पद
" ८ २७६ तेतलीपुत्र का आसक्ति-पद
सोलहवां अध्ययन : अवरकंका पोट्टिला का वरण-पद
" १२-१७ २७७ उत्क्षेप-पद
१-३ " १८-२०
सूत्र पोट्टिला का विवाह-पद
२७८ नागश्री कथानक-पद
" ४-५ कनकरथ का राज्यासक्ति-पद
२१ २७८
नागश्री द्वारा तिक्त अलाबू का निष्पादन-पद " ६-१० पद्मावती का अमात्य के साथ मन्त्रणा-पद " २२-२३ २७६
धर्मरुचि को तिक्त-अलाबू का दान-पद " ११-१५ अपत्य-परिवर्तन-पद
" २४-३० २७६ तिक्त अलाबू का परिष्ठापन-पद
" १६-१८ बालिका का मृतकार्य-पद
" ३१-३२ २८०
अहिंसा के लिए तिक्त अलाबू का भक्षण-पद " १६ अमात्य-पुत्र का उत्सव-पद
धर्मरुचि का समाधि-मरण-पद पोट्टिला का अप्रियता-पद
" ३६-३७ २८१
साधुओं द्वारा धर्मरुचि का गवेषणा-पद " पोट्टिला का दानशाला-पद
" ३८-३६
साधुओं द्वारा धर्मरुचि के समाधि-मरण का " २३ आर्या-संघाटक का भिक्षा के लिए आगमन-पद " ४०-४२
निवेदन-पद पोट्टिला द्वारा अमात्य को प्रसन्न
" ४३ २८२ धर्मरुचि की स्मृति-सभा-पद
" २४ करने का उपाय पृच्छा-पद
नागश्री का गर्हा-पद
' २५-२७ आर्या संघाटक का उत्तर-पद
नागश्री का गृह-निर्वासन-पद
२८-२६ पोट्टिला का श्राविका-पद
" ४५-४६ २८३ नागश्री का भव-भ्रमण-पद
" ३०-३१ पोट्टिला का प्रव्रज्या-पद
"५०-५४ २८४ सुकुमालिका का कथानक-पद
" ३२-३५ कनकरथ का मृत्यु-पद
" ५५-५६ २८५
सुकुमालिका का सागर के साथ विवाह-पद " ३६-५१ कनकध्वज का राज्याभिषेक-पद
"५७-५६ २८५ सागर का पलायन-पद
" ५२-६१ तेतलीपुत्र का सम्मान-पद
" ६०-६१ २८६
सुकुमालिका का चिन्ता-पद पोट्टिलदेव द्वारा तेतलीपुत्र को संबोध-पद " ६२-७१ २८६
सागरदत्त द्वारा जिनदत्त का उपालंभ-पद तेतलीपुत्र की मरण-चेष्टा-पद
" ७२-७६ २८८
सागर के पुनर्गमन का व्युदास-पद " ६८-६६ तेतलीपुत्र का विस्मयकरण-पद
" ७७ २८८
सुकुमालिका का द्रमक के साथ पुनर्विवाह-पद" ७०-७६ पोट्टिलदेव का संवाद-पद
"७८-८० २८६ द्रमक का पलायन-पद
" ०-८६ तेतलीपुत्र का जातिस्मरण पूर्वक प्रव्रज्या-पद " ८१-८२
सुकुमालिका का पुनः चिन्ता-पद " ८७-६१ केवलज्ञान-पद
" ८३-८४ २६० सुकुमालिका का दानशाला-पद
" ६२-६३ कनकध्वज राजा का श्रावक-धर्म-पद "८५-८७ २६१
आर्या संघाटक का भिक्षाचर्या के
" ६४-६६ तेतलीपुत्र का सिद्धि-पद
" ८८ २६१
लिए आगमन-पद निक्षेप-पद
" ८६ २६१
सुकुमालिका द्वारा सागर की प्रसन्नता का " ६७ टिप्पण
२६२
उपाय पृच्छा-पद आर्या संघाटक का उत्तर-पद
६८ पन्द्रहवां अध्ययन : नंदीफल
सुकुमालिका का श्राविका-पद
"६६-१०३ उत्क्षेप-पद सूत्र १-५२६४ सुकुमालिका का प्रव्रज्या-पद
" १०४-१०५ धन का घोषणा-पद
" ६-१०२६४ सुकुमालिका का आतापना-पद
" १०६-१०८ धन का निर्देश-पद " ११-१२२६५ सुकुमालिका का निदान-पद
" १०-११३ निर्देश-पालन का निगमन-पद "१३-१४२६६ सुकुमालिका का बकुशता-पद
" ११४-११७ निर्देश के अपालन का निगमन-पद " १५-१६२६७ सुकुमालिका का पृथक विहार-पदृ " ११८-११६ धन का अहिच्छत्रा आगमन-पद " १७-१६ २६७ द्रौपदी का कथानक-पद
" १२०-१३०
३०६ ३०६ ३०७ ३०० ३०६ ३१०
३१४
३१४
३१४ ३१६
२६०
३१६ ३१७
३१८
३१८
३१८ ३१६ ३१६ ३२० ३२० ३२१ ३२२ ३२३
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