Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________ जैन विश्व भारती द्वारा प्रकाशित आगम साहित्य वाचना प्रमुख : आचार्य तुलसी संपादक विवेचक : आचार्य महाप्रज्ञ (समस्त आगम साहित्य मूल पाठ पाठान्तर शब्द सूची सहित 6 भागो में) ग्रंथ का नाम पृष्ठ मूल्य अंगसत्ताणि भाग-१ (आयारो, सूयगडो, ठाणं, समवाओ) (दूसरा संस्करण) 1100 700 अंगसुत्ताणि भाग-२ (भगवई- विआहपण्णत्ती) 1500 700 अंगसुत्ताणि भाग-३ (नायाधम्मकहाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, अणुत्तरोववाइयदसाओ, पण्णावागरणाई, विवागसुर्य) 625 500 उवंगसुत्ताणि खंड-१ (ओवाइयं, रायपसेणइयं, जीवाजीवाभिगम) 800 500 उवंगसुत्ताणि खंड-२ (पण्णवणा, जंबूद्दीवपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती, कप्पवडिंसियाओ, निरयावलियाओ, पुफ्फियाओ, पुफ्फचूलियाओवहिदसाओ) " 1117 600 नवसुत्ताणि (आवस्सयं, दसवेआलियं, उत्तरज्झयणाणि, नंदी, अणुयोगदाराई " 1300 665 आगम शब्दकोष (अंगसुत्ताणि तीनों भागों की समग्र शब्द सूची) 823 300 7. (मूल, छाया, अनुवाद, टिप्पण, परिशिष्ट-सहित आगम साहित्य) ग्रंथ का नाम पृष्ठ मूल्य श्रीमदजयाचार्य द्वारा राजस्थानी में प्रणीत आयारो 356 200 भगवती जोड़ 7 भागों में आचारांगभाष्यम् 600 500 भगवती जोड़ खंड-१ 500 आचारांगभाष्यम् (अंग्रेजी) 400 भगवती जोड़ 2 से 7 प्रत्येक 400 सूयगडो भाग-१ (दूसरा संस्करण) 300 नियुक्तिपंचक (मूल, पाठान्तर) 1300 500 सूयगडो भाग-२ (दूसरा संस्करण) 350 व्यवहार भाष्य (हिन्दी अनुवाद) प्रेस में ठाणं 1050 700 व्यवहार भाष्य (मूल, पाठान्तर, भूमिका, परिशिष्ट 700 समवाओ (दूसरा संस्करण) प्रेस में गाथा (आगमों के आधार पर भगवान महावीर का भगवई (खंड-१) 412 565 जीवन दर्शन रोचक शैली में) 350 भगवई (खंड-२) 560 665 आवश्यक नियुक्ति भाग-१ (हिन्दी अनुवाद) 400 भगवई (खंड-३) प्रेस में भगवाई (खंड-४)" कोश पृष्ठ मूल्य देशी शब्दकोश 300 170 100 अणुयोगदाराई 355 400 निरुक्त कोश 37060 दसवेआलियं (दूसरा संस्करण) 650 500 एकार्थक कोश 366 70 उत्तरज्झयणाणि (तीसरा संस्करण) 768 600 जैनागम वनस्पति कोश 363 300 उत्तरज्झयणाणि (गुजराती संस्करण) 768 600 जैनागम प्राणी कोश 131 250 नायाधम्मकहाओ 480 500 श्री भिक्षु आगम विषय कोश, भाग-१ 757.500 दसवेआलियं (गुटका) श्री भिक्षु आगम विषय कोश, भाग-२ उत्तरज्झयणाणि (गुटका) प्रकाशक : जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं श्रीमहजयानाय द्वारा राजस्थानों में प्रणीत नंदी प्रेस में Jain Education hiemational emaina
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