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________________ पृष्ठ २६८ " २२ २६८ २६६ " E-११ २७६ ३०२ ३०२ ३०२ ३०३ ३०४ ३०५ " ३३-३५ २८१ ॥ २०-२१ ३०५ ३०६ ३०६ له २८३ (xxi) गाथा व सूत्र पृष्ठ गाथा व सूत्र चौदहवां अध्ययन : तेतली धन का प्रव्रज्या-पद सूत्र २०-२१ निक्षेप-पद उत्क्षेप-पद २७६ सूत्र १-७ टिप्पण पोट्टिला का क्रीड़ा-पद " ८ २७६ तेतलीपुत्र का आसक्ति-पद सोलहवां अध्ययन : अवरकंका पोट्टिला का वरण-पद " १२-१७ २७७ उत्क्षेप-पद १-३ " १८-२० सूत्र पोट्टिला का विवाह-पद २७८ नागश्री कथानक-पद " ४-५ कनकरथ का राज्यासक्ति-पद २१ २७८ नागश्री द्वारा तिक्त अलाबू का निष्पादन-पद " ६-१० पद्मावती का अमात्य के साथ मन्त्रणा-पद " २२-२३ २७६ धर्मरुचि को तिक्त-अलाबू का दान-पद " ११-१५ अपत्य-परिवर्तन-पद " २४-३० २७६ तिक्त अलाबू का परिष्ठापन-पद " १६-१८ बालिका का मृतकार्य-पद " ३१-३२ २८० अहिंसा के लिए तिक्त अलाबू का भक्षण-पद " १६ अमात्य-पुत्र का उत्सव-पद धर्मरुचि का समाधि-मरण-पद पोट्टिला का अप्रियता-पद " ३६-३७ २८१ साधुओं द्वारा धर्मरुचि का गवेषणा-पद " पोट्टिला का दानशाला-पद " ३८-३६ साधुओं द्वारा धर्मरुचि के समाधि-मरण का " २३ आर्या-संघाटक का भिक्षा के लिए आगमन-पद " ४०-४२ निवेदन-पद पोट्टिला द्वारा अमात्य को प्रसन्न " ४३ २८२ धर्मरुचि की स्मृति-सभा-पद " २४ करने का उपाय पृच्छा-पद नागश्री का गर्हा-पद ' २५-२७ आर्या संघाटक का उत्तर-पद नागश्री का गृह-निर्वासन-पद २८-२६ पोट्टिला का श्राविका-पद " ४५-४६ २८३ नागश्री का भव-भ्रमण-पद " ३०-३१ पोट्टिला का प्रव्रज्या-पद "५०-५४ २८४ सुकुमालिका का कथानक-पद " ३२-३५ कनकरथ का मृत्यु-पद " ५५-५६ २८५ सुकुमालिका का सागर के साथ विवाह-पद " ३६-५१ कनकध्वज का राज्याभिषेक-पद "५७-५६ २८५ सागर का पलायन-पद " ५२-६१ तेतलीपुत्र का सम्मान-पद " ६०-६१ २८६ सुकुमालिका का चिन्ता-पद पोट्टिलदेव द्वारा तेतलीपुत्र को संबोध-पद " ६२-७१ २८६ सागरदत्त द्वारा जिनदत्त का उपालंभ-पद तेतलीपुत्र की मरण-चेष्टा-पद " ७२-७६ २८८ सागर के पुनर्गमन का व्युदास-पद " ६८-६६ तेतलीपुत्र का विस्मयकरण-पद " ७७ २८८ सुकुमालिका का द्रमक के साथ पुनर्विवाह-पद" ७०-७६ पोट्टिलदेव का संवाद-पद "७८-८० २८६ द्रमक का पलायन-पद " ०-८६ तेतलीपुत्र का जातिस्मरण पूर्वक प्रव्रज्या-पद " ८१-८२ सुकुमालिका का पुनः चिन्ता-पद " ८७-६१ केवलज्ञान-पद " ८३-८४ २६० सुकुमालिका का दानशाला-पद " ६२-६३ कनकध्वज राजा का श्रावक-धर्म-पद "८५-८७ २६१ आर्या संघाटक का भिक्षाचर्या के " ६४-६६ तेतलीपुत्र का सिद्धि-पद " ८८ २६१ लिए आगमन-पद निक्षेप-पद " ८६ २६१ सुकुमालिका द्वारा सागर की प्रसन्नता का " ६७ टिप्पण २६२ उपाय पृच्छा-पद आर्या संघाटक का उत्तर-पद ६८ पन्द्रहवां अध्ययन : नंदीफल सुकुमालिका का श्राविका-पद "६६-१०३ उत्क्षेप-पद सूत्र १-५२६४ सुकुमालिका का प्रव्रज्या-पद " १०४-१०५ धन का घोषणा-पद " ६-१०२६४ सुकुमालिका का आतापना-पद " १०६-१०८ धन का निर्देश-पद " ११-१२२६५ सुकुमालिका का निदान-पद " १०-११३ निर्देश-पालन का निगमन-पद "१३-१४२६६ सुकुमालिका का बकुशता-पद " ११४-११७ निर्देश के अपालन का निगमन-पद " १५-१६२६७ सुकुमालिका का पृथक विहार-पदृ " ११८-११६ धन का अहिच्छत्रा आगमन-पद " १७-१६ २६७ द्रौपदी का कथानक-पद " १२०-१३० ३०६ ३०६ ३०७ ३०० ३०६ ३१० ३१४ ३१४ ३१४ ३१६ २६० ३१६ ३१७ ३१८ ३१८ ३१८ ३१६ ३१६ ३२० ३२० ३२१ ३२२ ३२३ Jain Education Intemational For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.003624
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages480
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_gyatadharmkatha
File Size17 MB
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