Book Title: Vijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Author(s): Navinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
Publisher: Vijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
View full book text
________________
श्रम परम्परा के उज्ज्वलतम नक्षत्र थे गुरू विजयानंद
२३. आचार्य श्री विजयानंद सूरि एवं उनका प्रमुख
ग्रन्थ
२४. कवि चन्दूलाल कृत श्री आत्मानंद जीवन चरित्र : परिचय एवं समीक्षा
२५. श्री विजयानंद सूरिजी के साहित्य सृजन का क्रमिक इतिहास
२२.
२६.
आत्माराम
२७. पश्चिम में जैन धर्म एवं संस्कृति के सर्वप्रथम उद्घोषक : श्री वीरचंद राघवजी गांधी
२८. श्री विजयानंद सूरि एवं उनकी
जन्म स्थली लहरा
२९. श्रीमद् विजयानंद सूरि (आत्मारामजी) के नाम से चलने वाली शिक्षण संस्थाएं एवं सभाएं
क्रमांक क्या गुरु स्तुति
१.
२.
३.
४.
५.
६.
७.
श्री विजयानंद प्रशस्ति
चरणों में शत शत वंदन
हम नत मस्तक हो जाते हैं
श्री विजयानंद गुण गुंजन
पार्थ समान, महाप्रणविजयी गुरुदेव
वि.सं. १९४० का स्वागत गीत
Jain Education International
श्री धर्मपाल जैन रोपडवाले
डॉ. रजनीकान्त एस. शाह
डॉ. नरेश
श्री अभय कुमार 'यौधेय'
श्री जयचंद बाफना
श्री मघराज मेहता
श्री सत्यपाल जैन
खण्ड - ३
काव्यांजलि
किसका
मुनि श्री मोक्षरति विजय
मुनि श्री चतुर विजय साध्वी श्री लक्ष्यपूर्णा श्री
प्रो. श्रीपाल जैन
श्री कन्हैयालाल जैन
प्रो. राम जैन
For Private & Personal Use Only
३६६
३६९
३७४
३८१
३८६
३९०
३९८
४०१
कहां
४२३
४२५
४३८
४४०
४४२
४४६
४४७
www.jainelibrary.org