Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 22
________________ अथ राजा समृद्धार्थः III. 40.Ic अथ राज्ञो बभूवैव II. 1.36a अथ राज्यां प्रपन्नायाम् II. 42.33a अथ राश्यां प्रवृत्तायाम् VII. 67.1a अथ राश्यां व्यतीतायाम् I. 58.10a ,74.la II. 56.la , 65.Ja अथ रामः कथामेताम् VII. 89.2a अथ रामः प्रसन्नात्मा VI. 18.1a अथ रामश्च सीता च II. 40.la अथरामस्तदा श्रुत्वा II.34.39a अथ रामः सरिन्मध्ये I. 24.6c अथ रामोऽब्रवीत्सूतम् II. 46.25a अथ रामो महातेजाः I. 31.22c अथ रामो महाप्राज्ञः I. 45.11a अथ रामो मुहूर्तस्य II. 34.21a अथ रुष्टो महातेजाः VII. 2.12c अथ रेणुसमुद्ध्वस्तम् II. 42.10a अथक्षरजसः पुत्रः VI. 30.20a अथर्भरजसो नाम VII. 36.36a अथर्वशिरसि प्रोक्तैः I. I5.2c अथर्षयः समुत्पत्य VI. 70.54a अथर्षिर्जरया वृद्धः II. I16.8a अथ लक्ष्मणशत्रुघ्नौ I. 18.14a अथ लोकेश्वरोत्सृष्टा VII. 13.1a अथ वज्री तमामन्य III. 5.24a अथ वर्षशते पूर्ण I. 38.6a अथ वर्षसहस्रं च I. 65.8a अथ वर्षसहस्रेण I. 45.19a ___, , 45.31c अथ वर्षसहस्रे तु VII. I0.12a भथवा कपिनैकेन VI. 12.2x.c अथवा कः श्रमस्तस्य V. 42.18c अथवा किं मयतेन II. 22.28a अथवा गम्यतां शीघ्रम् II. 13.18c अथवा चारुसर्वाङ्गी V. 55.22a अथवा तदिदं व्यक्तम् V. 53.31a अथवा तौ नरव्याघ्रौ VI. 92.48a अथ वा त्यक्तशस्त्रस्य VI. 63.44c अथवा त्वं प्रतिस्तब्धः VI. 71.54a अथवा त्वरसे मर्तुम् VII. 34.10a अथवाऽऽदाय रक्षांसि V. 37.58a अथवा दुर्बलः क्लीबः VI. 83.26a अथवा देवि त्वं कंचित् II. 36.28a अथ वा धारयिष्यामि IV. II.33a अथवा ध्रुवमन्येभ्यः VI. 60.68a अथवा न गमिष्यामि III. 62.14c अथवा नश्यति प्रज्ञा VI. 32.13a अथवा न हि तस्यार्थः V. 26.38a . अथवा नायमुन्मादः V. 34.24a अथवा निहिता मन्ये V. 13.13a अथवा नैतदेवं हि V. 34.17a अथवा नोच्छुसिष्यामि I. 64.18a अथवा नौ ध्रुवं मन्ये II. 97.22a अथवा न्यस्तशस्त्रौ तौ V. 26.42a अथवा पद्मिनी याता VI. 60.9c अथवापि महाबाहुः II. 59.23a अथवा पुत्रशोकेन VI. 92.50c अथ वा पुष्पकमिदम् VII. 16.7a अथवा पृष्ठतः कृत्वा II. I06.32a अथवाप्यजरामरम् V. 26.6b अथवाप्ययुतान्येव II. 100.23c अथवा मृगशावाक्षी V. IA.46a अथवा भृगशावाक्षीम् III. 60.23a अथवा मे भवेच्छक्तिः II. 73.17a अथवा मैथिली दृष्ट्वा V. I.148a ,,58.270 अथवा मोचयिष्यामि V. 37.2ra अथ वा मन्निमित्तस्तै v. 50.12a Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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