Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 123
________________ इदमद्य निशा पूर्वा II. 46.2a इदमप्यृषिभिदृष्टम् V. 13.4Ta इदमयं प्रतीच्छ त्वम् VII. 49.12a इदमयमिदं पाद्यम् I. I0.I7c इदमश्रप्रमार्जनम् III. 30.4b इदमस्य नृशंसस्य V. 4I.I0a इदमस्य विमर्दितम् II. 88.2d इदमाख्यानमायुष्यम् I. 44.22c , VII. 111.4a इदमात्मयशोहरम् II. I01.6d इदमादाय राघव II. 79.4b इदमाभरणं सौम्य VII. 78.23a इदमाश्रमसंकाशम् I. 48.12a इदमाश्वासयन्देवीम् II. 60.4c . इदमाह वचोऽर्थवत् VII. 35.Id इदमाह स रावणम् VII. II.I3b इदमाह सुदुःखितः II. 77.5d इदमिक्ष्वाकुनाथस्य II. I04.10a इदमुक्तवती देवी V. 67.2a इदमुत्तरमब्रवीत् VI. 37.20d इदमूचुर्वनौकसः V. 64.18d इदमेव गमिष्यामि VI. I0I.33c इदमेव च तत्तृणम् II. 87.22b इदमेव जनस्थानम् III. 67.4c इदमेवं विधं कृतम् II. 72.52d इदमेव स्मराम्यस्या II. 60.14a इदमेवामृतं प्राहुः II. 94.19a इदमेवावगाहिये I. 2.6c इदमैन्द्रं महच्चापम् VI. I02.15a इदानी खल्वहं नास्मि VI. 68.12a इदानीं च विजानामि VI. II9.17a इदानीं तत्तपति माम् II. 12.70c इदानीं निर्बणैः समैः VI. 120.17b इदानी नेक्षसे कस्मात् IV. 25.45c इदानीमकृतार्थानाम् IV. 53.12a | इदानीमन्यतश्चापि VII. 4.4c इदानीमपि यवृत्तम् III. 39.Ic इदानीमपि वैदेही II. 60.I9c इदानीमसि मारीचः III. 42.6c इदानी मा कृथा वीर VI. 41.4a इदानीं मे स्मृतं राजन् । IV. 46.21c इदृशं बुद्धिलाघवम् IV.7.5d इदृशैः करवाण्यहम् I. 2.4Id इदृशं श्रोत्रदारुणम् VI. II6.5b इन्दुपद्मदिवाकरैः VI. III.35b इन्द्र इन्द्रेति संत्रासान् VII. 35.42c इन्द्रः करीन्द्रमारुह्य VII. 35.38a इन्द्रकर्मा महेन्द्रस्त्वम् VI. II7.17a इन्द्रकेतूनिवोद्यम्य VI. 22.54c इन्द्रं जज्ञेऽथ रावणिः VII. 29.27b इन्द्रं जयसि संयुगे VI. 80.4b इन्द्रजानु: कविवारः IV. 39.3IC इन्द्रजानुं च यूथपम् VII. 39.22d इन्द्रजिच्च महाबल: VI. 13.6a इन्द्रजिच्चापमादाय V. 48.21a इन्द्रजिच्छरमाददे VI. 90.46b इन्द्रजित्कवची खङ्गी VI. 87.8c इन्द्रजित्क्षपयिष्यति VI. 7.18d इन्द्रजित्तु ततो दृष्ट्वा VI. 81.4a इन्द्र जत्तु तदा क्रुद्धः VI. 73.33a इन्द्रजित्तु तदानेन VI. 44.32a इन्द्रजित्तु महामायः VI. 46.44a इन्द्रजित्तु रथं त्यक्त्वा VI. 44.28c इन्द्रजित्तु रथे स्थाप्य VI. 81.5a इन्द्रजित्परमक्रुद्धः VI. 90.IC इन्द्रजित्परमौजसा VI. 90.12b इन्द्रजित्पश्चिमं द्वारम् VI. 37.Ila | इन्द्रजित्प्रतिपूजितः V. 48.16b इन्द्रजित्प्रयुवाच ह VI. 81.25d इन्द्रजित्प्रभुणाव्ययम् VII. 30.10d Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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