Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

View full book text
Previous | Next

Page 127
________________ इमां हरिणशावाक्षीम् V. 24.39c इमां हि रम्यां गजयूथलोडिताम् II. 95.18a इमां हृष्टो महापुरीम् III. 31.33d इयं कनकवर्णाङ्गी V. 15.48a इयं किल पुरी रम्या VII. 11. 28a इयं कुसुमसंघातैः IV. 1. 8ga इयं गिरिगुहा रम्या IV. 26.16a 27.6c "" 22 " इयं गोदावरी रम्या III. 15.12 इयं च दण्डकारण्यात् VI. 12. 12a इयं च दुहिता ज्येष्ठा I. 44.5a इयं च दृश्यते गङ्गा VI. 123.5IC इयं च नलिनी रम्या IV. 27.11a V. 14.44a इयं च भगिनी तेषाम् III. 19.23c इयं च राजधर्माणाम् V. 48.13c इयं च सज्जा नौश्चेति VII. 46.32e इयं जरा महाबाहो VII. 59.6c इयं तात सुखा शय्या II. 51.2a 86.3a इयं तु भवतो भार्या III. 13.7a इयं ते महती सेना II. 85.7c इयं दाशरथे सीता VII. 96.1ga इयं धार्मिक कौसल्या II. 38.13a इयं नारी वरारोहा III. 2.13c इयमक्षौहिणी पूर्णा I. 20.3a در ور 54.12a इयमस्म्यागता देव VII. 10.42a इयमाकाशगङ्गा च I. 37.7a इयमादित्यसंकाशैः III. 5.ra इयमेकपदी राजन् II. 63.44c इयं पर्वतसंबाधा VII. 104.60 पुत्रार्थमागता I. 8. 13b 12.13d دو " Jain Education International 99 इयं पुनरसंभ्रान्ता VI. 48.27a १२० इयं प्रत्यक्स्थली वेदी III. 74.23 इयं प्रहृष्टा मुदिता III. 19.25c इसी ब्राह्मण काममास्यताम् III. 46.36a इयं भार्या च वैदेही III. 17.16c इयं मधुपुरी रम्या VII. 70.5a इयं ममात्मजा राजन् VII. 12. IOC 18c 33 " इष गुरुवर्तकम् II. 98. 1d पदमवेष्टुम् VI.IC इयं लङ्कापुरी राजन् VII. 11.23c इयं वापि सरिच्छ्रेष्ठा VII. 31.30a इयं शय्या मम भ्रातुः II. 88. 13a इयं शुद्धसमाचारा VII. 96.22. इयं सराष्ट्रा सजना II. 34.41a इयं सा दयिता भार्या V. 16.18c इयं सा धर्मशीलस्व V. 16.15a इयं सा प्रथमा यात्रा IV. 30.61a इयं सा यत्कृते रामः V. 15.49a इयं सा लक्ष्यते लङ्का VI. 37.4a इयं सीता मम सुता I. 73.26c इयं सुमित्रा दुःखार्ता II. 92.23a इयं स्वस्तिमती सेना II. 84.9c इयं हि कस्यापि करोति किंचित् II. 38.4a इयं हि पूर्वैः संदिष्टा VI. 109.ra इयं हेमवती ज्येष्ठा I. 42.23a इलां निरीक्षमाणस्तु VII. 88.13a इला पुत्रं महाबलम् VII. 89.24d इलायै सुमहातेजाः VII. 90.2oa इला सा सोमपुत्रस्य VII. go.za इला सुरुचिरप्रख्यम् VII. 89.5c इला सोमसुतात्सुतम् VII. 99.23b इलो नाम सुधार्मिकः 87.3d इलो ब्राह्ममनुत्तमम् 90.23d इवल: समभाषत III. 11.62d इल्वलः संस्कृतं वदन् III. 11.56b For Private & Personal Use Only " " ار www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182