Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ अनुत्तमामृद्धिमतीम् V. 3.13c अनुत्तमेनाध्युषितः प्रियेण V. 29.3c अनुत्तमेषूत्तमपौरुषो बली VI. 35-35c अनु त्वां भार्गवो गतः VI. 4.48b अनु दाशरथिं रामम् II. 84.40 अनुद्धतमना विद्वान् II. 6.23a अनुद्रुतास्तु रक्षे.मिः VI. 31.33c अनुद्विमाऽनुपश्यति IV. 44.13d अनुनीतः प्रयत्नेन V. 37.9c अनुनीतस्त्वया सखे IV. 7.18b अनुनीता महात्मना II. 87.17d अनुनीता वयं सर्वे II. 86.9c अनुनीतोऽस्मि लक्ष्मण VII. 52.19d अनुनेतुं कथंचन VII. 45.21d अनुनेतुमथो वस्तुम् VI. II6.22c अनुनेष्यन्ति तं नृपम् I. 9.16d अनुपर्येति पर्वतम् VI. 27.35b अनुपश्यतु राघव VI. I28.gb अनुपश्याम्यहं बलम् VI. 51.16d अनुपस्थीयमानो माम् III. 4.18c अनुपायेन कर्माणि VI. 12.31a अनुपासितवृद्धेन VI. 64.5c अनुप्तं रोहते श्वेत VII. 78.15c अनुप्रयान्तु मा युद्धे VI. 95.21c अनुप्रविश्य विश्वस्ते VI. 17.23c अनुप्रविश्य सोऽस्मासु VI. I7.22c अनुप्रव्रजितो रामम् V. 38.56a अनुप्राप्त तु तं दृष्ट्वा II. 72.2a अनुप्राप्ताः स्म सांप्रतम् IV. 65.IId अनुप्राप्तो निशाचरः VI. 4.19b अनुबद्धानिवेषुमिः IV. 19.7d अनुबन्धमजानन्तः III. 51.26a अनुभूतं पुरातनम् VI. 50.26d अनुभूतानि चेष्टानि II. 4.14a अनुभूतानि पार्थिव VII. 62.13b अनुभूतोपसर्गो वा II. I2.2c अनुभूय किल श्राद्धे III. II.6Ic अनुभूय तदा कामम् VII. 59.3c अनुभूय पुरा सुखम् II. 39.21b अनुभूय महायज्ञम् VII. 9I.I7c अनुभूयेदृशं दुःखम् VII. 62.14c अनुभोक्तं महोत्सवम् VII. I.Iod अनुमन्दाकिनीमपि III. 6.17b अनुमन्यस्व मां देवि II. 21.46a अनुमानमुपागतम् IV. 52.13d अनुमानाच्च भावाच्च VI. 18.37c अनुमानात्त जानामि IV. 6.ga अनुमानैः सुखोदयैः VI. 48.24b अनुमान्य तदा ताराम् I. I.6ga अनुमान्य तदा प्राप्तः IV. 65.18c अनुमान्य ददौ तेषाम् V. 6I.I2c अनुमान्य द्विजर्षभान् II. 2.Iod अनुमान्य महामुनिम् VII. 95.4d अनुमान्य यथातत्त्वम् IV. 50.IIc अनुमान्य वसिष्ठं च I. II.I3c अनुमान्याङ्गदः श्रीमान् IV. 64.14c अनुमृश्योद्धरस्व मे II. II.gb अनुयातश्च मां तूर्णम् IV. I0.15a अनुयाता यशस्विनः VII. IIO.I7b अनुयाति महाद्युतिः VI. I0I.I2b अनुयाति स्म राघवम् VI. 41.28d अनुयाति स्म लक्ष्मणः II. 33.6d अनुयातु सुनिश्चिता II. 30.39d अनुयातो महाद्युतिः VI. 49.17b अनुयातौ श्रिया दीप्तौ I. 22.8c , , , 22. I0c अनुयात्रां नरेन्द्रस्य IV. 36.10a अनुयास्यति मामद्य IV. 67.I9c अनुयास्यन्ति चैतानि I. 60.32c अनुरक्तजनाकीर्णा II. 51.16a Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182