Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 35
________________ अनुगच्छति संभ्रान्तम् III. 40.21c अनुगच्छन्तु काकुत्स्थम् II. 36.5c VII. 64.3c 39 अनुगच्छस्व मां भीरु II. 30.40c अनुगच्छाम धार्मिकम् II. 33.17d अनुगच्छाम राघवम् II. 48.16d अनुगच्छेयुरादिष्टाः V. 37.49c अनुगन्तुं गतिं शक्ता: V. 37.28c अनुगन्तुं न शक्तिर्मे II 105.6c अनुगन्तुमशक्तास्त्वाम् II. 45.30a अनुगम्यमानो राज्ञा च I. 18.6c अनुगानां महात्मनाम् VII. 91.27b अनुगृहीतः पितृमि: VII. 36.57c अनुगृह्णीष्व भद्रं ते I. 63.7a अनुगेहमवस्थाय VI. 11.1gc अनुचिन्त्य मित्रायै I. 16.2ga अनुच्छ्वसन्नभुञ्जानः I. 64.19c अनुच्छ्रासं चकार ह I. 65.7d अनुजग्मतुरक्षुद्र I. 22.8a अनुजग्मुः पतिं वीरम् V. 18.150 अनुजग्मुः प्रयान्तं तम् II. 45. Ic अनुजग्मुर्महात्मानः I. 31.18c "" VI. 65.34c अनुजग्मुर्महात्मानम् VI. 128.35c अनुजग्मुर्महाबलाः VI. 73.10b अनुजग्मुर्महामतिम् VII. 109.12d अनुजग्मुर्महाशैलान् VI. 96.8c अनुजग्मुर्हनूमन्तम् V. 1.46c अनुजग्मुर्हितान्यपि VII. 109.21d अनुजग्मुर्हि भरतं VII. 100.22c अनुजग्मुश्च तं घोरम् VI. 65.35c अनुजग्मुश्च ते सर्वे II. 91.37a अनुजग्मुश्च भर्तारम् IV. 25.36a अनुजग्मुस्तथा रामम् II. 16.35a अनुजग्मुः सहस्रशः II. 83.16d Jain Education International २८ अनुजस्त्वेष मे भ्राता III. 18.3a अनुजातो हि मां सर्वैः II. 2.11a अनुजानन्तु मां सर्वे IV. 55.11c अनुजानातु नो भवान् II. 54.37d अनुजानामि गम्यताम् VI. 127.6od अनुजानामि तत्सर्वम् II. 43.8c अनुजानीहि मां विभो VI. 59.46d अनुजानीहि मां सौम्य VI. 121.21a अनुजानीहि सर्वान्न: II. 34.24a अनुजीव्यं न गृह्यते VI. 29.9d अनुजो नाम तस्यैष: VI. 17.48a अनुजो रावणस्याहम् VI. 19.4c अनुज्ञां जगतीपतेः II. 34.25b अनुज्ञातं तु रामेण VI. 123.1a अनुज्ञातस्तु भवता II. 31.7a अनुज्ञातः सुमन्त्रोऽथ II. 57.3a अनुज्ञाता तु रामेण III. 74.32c अनुज्ञाता मया सर्वे VI. 49.30a 122.14C 23 अनुज्ञाता ययुर्हृष्टाः VII. 14.6c अनुज्ञातास्ततः सर्वे I. 8.21a 12.2IC 27 93 " For Private & Personal Use Only " 22 अनुज्ञातो निवृत्तोऽस्मि II. 57.100 अनुज्ञातो महर्षिणा II. 91.36b अनुज्ञातोऽसि रामेण III. 62.17a अनुज्ञातो महर्षिणा III. 8.20b अनुज्ञाप्य च तं जनम् II. 40.48b अनुज्ञाप्य महाकपीन् V. 59.6b अनुज्ञाप्य महाबाहुः VI. 112.5a अनुज्ञाप्य महाराजम् VI. 112.23a अनुज्ञाप्य विभीषणम् VI. 113.2b अनुज्ञाप्याथ भरतः II. 1. 13 अनुज्ञाय सुमन्त्रं च II. 52.80a अनुतस्तार तं द्विजम् III. 68.32d अनुत्तमं तद्वचनं नृपात्मजः II. 79.16a www.jainelibrary.org

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