Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 55
________________ 99 अभिपेतुः सुसंक्रुद्धाः VI. 76.58c अभिपेत्य जघानास्य VI. 96.18c अभिपेदे महाबल: V. 46.24d अभिप्रतस्थे विजयाय दुर्मतिः VI. 57.44b अभिप्रयातस्य वनं चिरायते II. 25.43c अभिप्रयाम सुग्रीव VI. 4.5c अभिप्रायं तु जानामि VI. 84. 10a अभिप्रायं तु विज्ञाय I. 75.150 VII. 97.6a अभिप्रायं न विज्ञाय II. 21.40c अभिप्रायस्तु मे कश्चित् II. 11.2c अभिप्रायेण सर्वतः II. 83.23b अभिप्रेतमनुष्ठातुम् IV. 40.6c अभिप्रेतमसंसक्तम् I. 19.17c अभिप्रेतस्त्रिलोकेशः VII. 17.120 अभिप्रेतां दिशं तस्मात् VII. 41.16a अभिप्रेतांश्च पार्थिव I. 8. 12d अभितो गिरेस्तस्य V. 35.28a अभिप्लुत्याभिपश्येयुः VI. 4. 120 अभिभाषस्व मां देवि V. 35.72a अभिभाष्याभ्ययाद्गृहम् II. 4.28d अभिभूतमिदं सर्वम् IV. 19.13a अभिभूता ग्रहेणेव VI. 24.70 अभिभूता वनौकस: V. 13.30b अभिभूतोऽभवद्राजा VI. 60.20 अभिभूय च रक्षांसि VI. 35.1ge अभिमन्त्र्य ततो राम: VI. 108. 14a अभिमानं च मानं च II. 58.1ga अभिमानश्च रोषश्च VI. 87.24c अभिमानात्पिता मम II. 18.17b अभिमानात्समीरितम् IV. 7.21b अभिमुखहतवीरसेवितम् IV. 21.16c अभिमृष्टमनेकधा VI. 21.3d अभियाचाम वैदेहीम् V. 27.36c 58.89a 39 39 Jain Education International " ४८ अभियाता प्रहर्ता च II. 1. 29c अभियाति शिलोच्चयम् IV. 42.43d अमियाम जवेनैव VI. 23.130 " 2) 41.22c अभिरक्षन्ति पुष्पाणि III. 64.28a अभिराममहं रामम् II. 13. IOC अभिरामस्य रामस्य I. 3.70 अभिरामौ नृपात्मजौ I. 23.22d अभिरुह्य जनः श्रीमान् II. 33.3c • अभिरूपश्च वेदवित् II. 32.15d अभिरूपैश्च याजकः II. 114.8b अभिलक्ष्यमपातयम् II. 63.23d अभिवर्तन्तु कार्यिण: VII. 53.25b अभिवर्ष कृते मम I. 52.22d अभिवर्षति कामैर्यः II. 31.12a अभिवर्षति पर्जन्यः II. 67.9c अभिवादनपूर्वं तु IV. 55.13a "" "" "" अभिवादयमानं तम् II. 44.27a अभिवादयमानं त्वाम् IV. 23.25c अभिवादय राजानम् IV. 23.24a अभिवादयामस्त्वां सर्वा: VII. 49.150 अभिवादयितुं मुनिम् III. 11.33b अभिवादयितुं यन्माम् III. 13. IC अभिवादये त्वां भगवन् III. 11.72a अभिवाद्य ऋषिश्रेष्ठम् VII. 82.15a अभिवाद्य कृताञ्जलिः VI. 46.45b VII. 74.5d 39 95 अभिवाद्य गुरुं प्राह VII. 11.34a अभिवाद्य च काकुत्स्थः VI. 120.23a अभिवाद्य च तद्भूतम् I. 16.22a अभिवाद्य च धर्मात्मा IV. 13.28a अभिवाद्य च मैथिलीम् V. 42.36b 43.11b 37 अभिवाद्य च रामाय VI. 59.50c 39 "" For Private & Personal Use Only "" www.jainelibrary.org

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