Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 26
________________ अदितिवैज्रपाणिना I. 18.12d , II. I.8d अदितिश्च दितिश्चव VII. II.14c अदितिस्तन्मना राम III. 14.13c अदितेरात्मजा वीराः I. 45.44a अदितेश्च महाभागाः I. 45.15c अदितेस्तु ततः पुत्राः I. 45.40c अदितेस्तु सुता वीर I. 45.37c अदित्यां जज्ञिरे देवाः III. I4.14c अदित्या देवतानां च I. 29.15c अदित्या मम चानघ I. 29.16d अदित्यां वीर्यवान्पुत्रः VII. I04. Ioa अदित्या सहितो राम I. 29. IOC अदित्यां समजायत I. 29 19b अदीनः सत्यवागृजु: II. I.2Ib अदीनात्मा महामतिः II. 2.35d अदीनात्मा विचक्षण: I. I.15d अदीनां भर्तृते जसा V. 17.27b अदीनो वानरचण्डः VI. 26.28c अदीर्घकालेन तु देवि जीविते II. 21.63c अदीर्घदर्शिनं तं वै IV. 58.I0c अदीर्घणैव कालेन VII. 32.23c अदुःखार्हस्य रामस्य II. 13.12c अदुःखार्हामिमां देवीम् V. 27.4IC अदुःखाहौं सुखोचितौ II. 40.41b अदुःखोपचिता पूर्वम् IV. 20.16c अदुष्टस्य हि संत्याग: II. 36.29a अदुष्टा दुष्टभावाभिः V. 13.12c अदुष्टैर्भात्ययं शैलः II. 94.7c अदूरपरिवर्तिनम् VI. 97.28d अदूराच्चित्रकूटस्य II. II3.5a अदूराञ्छिशपावृक्षात् V. 58.56c अदूरात्प्रत्यदृश्यत III. 44.Iod अदूरादन्वपद्यत II. 99.3b अदूराद्भरतस्यैव II. 92.18a । अदूरान्मध्यमे गुल्मे VI. 41.45a अदूरे दृश्यते रम्या III. 15.IIC अदूरे प्रत्यवस्थिता: VI. 81.33b अदृश्यत कबन्धाङ्कः VI. I02.35a अदृश्यत धनापाये II. 82.3c अदृश्यत तदा रामः III. 38.15c अद्दश्यत तयोस्तत्र VI. 49.31a अदृश्यत दशग्रीवः VI. I02.37a अदृश्यत महाकायः IV. 39.22c अदृश्यतां धनकसुतां सुपूजिताम् V. 7.16c अदृश्यमानः शरजालमुग्रम् VI. 73.5IC अदृश्यमाना वैदेही IV. 1.34c अदृश्यमानेन रणे VI. 48.17a अदृश्यं सर्वमनुजैः VII. I06.17a अदृश्यः सर्वभूतानाम् IV. 42.42c VI.44.36a ,, 87.5a VII. 53.18c , 63.2ra अदृश्या तमसावृता IV. 40.66d अदृश्यानि च भूतानि VI. 22.13a अश्या सर्वभूतानाम् I. 48.30c अदृश्योऽथान्तरिक्षग: VII. 29.26b अदृश्यो दृश्यमानो वा VI. 80.3c अदृश्यो निशितान्बागान् VI. 44.34a अदृश्यो भवतीन्द्रजित् VI. 19.12d अदृष्टगुणदोषाणाम् III. 66.16a अदृष्टदुःखं राजानम् II. 52.27a अदृष्टदुःखस्य सुखोचितस्य सा II. 50.5IC अदृष्टदुःखां दुःखस्य V. 30.7c अदृष्टदुःखो धर्मात्मा II. 24.2a अदृष्टपूर्व दृष्ट्वा तम् III. 42.35c अदृष्टपूर्व पुरुषप्रधानम् IV. 24.28c अदृष्टपूर्वरूपत्वात् II. 29.4a | अदृष्टपूर्वव्यसना II. 58.35a Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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