Book Title: Syadvadarahasya Part 3
Author(s): Yashovijay Upadhyay,
Publisher: Divya Darshan Trust
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मध्यमस्याद्वादरहस्य खण्डः ३
विषय
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निपमहत्व विभुत्व मान्य नहीं . म्यादा आत्मपरिमाणस्य जन्यत्वकथनम आत्मनः सोच-निस्नारसमर्थनम आत्मरूपानिमवादः अनलादरूध्वंगन्यादिनानि . .. स्याहादरत्नाकरसंवादः दीपिति-स्याद्वादमार्गसंवादः |सम्मतितर्कवृत्तिमनगदः |पांगशास्वसंवादः
अश्याटरिनार अवधानस्य मंग्कारजनकन्नानगीकारः प्रतिमायाः पूजाफलप्रमाजकत्वम आत्मवैभव के बिना दारी में आक्रिया नामुमकिन । अवस्कान्नदृशान्त विचारः भवान्तरीय शागर का जन्म स्वाभगम्योग ग अदएकारणता नामुमकिन । स्वादाद मावादात्नाकम्मवादः आकर्पणत्वस्य जानिन्नानङ्गीकारः छन्द के प्रति अदाकारणता व्यभिचारगम्त . म्यानादी न्यायकन्दलीकारमतव्यपोहा वात्मा का जथंचित द गाभिमत
"५०.६ मात्मनः बाइनसमर्थनम् पद्यनयतंतु दृशन्न मे मा की पंडितना अइतना मुमकिन न्यापावण्रग्वाय-ग्याद्वादकल्पलतामंचान जान की प्राध्याय नाना प्रामाणिक न्यावाद आत्मपातिसंवादः समुद्भानविचारत्रिम छान्दोग्योपनिषदादिमनानगसः अनेक रिभु आन्माां का नामार नाममकिन आदतवादी मधुसूदन-वाचस्पनिमिश्र-मश्रप्रभृतिमनादेदनम् पचपादिकाविवगणादिसंवादः छान्दोग्योपनिषद-ब्राममूत्रशाशरभाण्यसंवादः स्वाहाटमञ्जरीटीकाकार सम्मतिटीकाकारसंवादः [अन्ययोगव्ययगानकारवाद न्यायमण्डादायसंवादः "पा पत्रव...' कहाँ अभिचः काका मार निराकरण
पायकन्दलीम्याशारम प्रगमनानः 'मानानना आत्मा 11 ग्वादाता पतहारनपनात्मना देशमानता तापतरोपनिपदादिमवादः आत्मा अगुपग्माण नहीं ।
आत्मप्रवादाभिधानएवमगादः तिप्यगुप्ताभिधाननिहवननिरामः अन्त्यप्रदेशगतातिशयमीमांमा वित्तीयनिलबनय चक्रकादिदपणम् विद्राणिक्षमाश्रमणवचनमवादः मुक्कावन्दीकास्मतनिगमः विशेपावश्यकभाष्य-निर्मवादः मित्रश्रीथावरून तिष्यगुप्तप्रतिबोधः सामव्यपदेशात्मक आत्मा के स्वीकार में दागदावन और निगकरण आत्मग्ल्यातिसंवादः ब्रह्ममूवशाङ्करभाष्यमबाटः
आत्मादतमत का तिरूपण ॥ निराकरण गरीरनिष्टप्रत्यासत्त्या कारणत्वाऽमाझा आत्मनिश्पत्यासत्या कारणत्वापपादनम तहमनःप्रत्यासत्या तुतानिगकरणम् ब्रह्माद्धतमत में प्रयत्नाभाव की भापनि वशेषिकसूत्रसंवादः सामुक गरीराच्यदिन सुखकामना असंभव न्यायकन्दलासंवादः शादृष्ट फरर में कार्यकारणभाव ग आत्मा अनेक है। सन्तान में तय कापना प्रामाणिक ब्राह्मबिन्दूपनिषदादिमतापाकरणम् मुकारलीकृन्मतनिराकरणम् गयापार में पिन ति नामकिन अनेकान्तव्यवस्थागंवादः हात्मा निधर्मक नई ब्रह्मणो निधर्मकत्वमण्टनम जनतक निशीथपीठिकाणि-ललिगयकारण्यकसंवादः परलोक मुक्ति की सिद्धि मुकिस्वरूपामांमा नयापदेशगंवादः ज्ञानकर्मसमुच्चयबाद गाना-विष्णुपुराणादिसंबादः उदयनानुसारिमतद्योतनम मिडसनदिवाकग्नचनतात्पपांविष्करणम ज्ञान-कर्मणामुक्ती तुल्यबंदेव तुता कारगनार का गवार अपमहसीतापयनिकरण - जनतय संवादः नयापिकरमत करना । अपनगाड का निम्ण मुक्तारला भा-मभूपाकागनिमतप्रदर्शनम आध ययापिड का रिकृत यमय कपालबाग चक्षामयोगानन्यथागितलवारणम

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