________________
अंटागुड़गुड़
अंटागुड़गुड़ - (वि०) नशे में चूर (बेहोश ) अँटिया - (स्त्री०) 1 घास 2 पतली लकड़ी अँटियाना-(स० क्रि०) 1 छिपाना 2 बाँधना अंटी - (स्त्री०) 1 दो उँगलियों के बीच की जगह 2 उँगली पर उँगली रखने का संकेत 3 गाँठ 4 सूत या रेशम एवं ऊन का गोला 5 कुश्तीबाज़ों का एक दाँव । बाज़ + फ़ा० (वि०) ठग, धोखेबाज़; -- देना गरदनिया देना; मारना 1 दूसरे का सामान चुरा लेना या छिपा देना 2 कम तौलना अँटौतल - (पु० ) बैलों के मुँह पर लगाया जानेवाला ढक्कन अँठई - (स्त्री०) एक कीड़ा (किलनी)
अंठी- (स्त्री०) गिल्टी (गुठली)
अंड-सं० (पु० ) 1 अंडा 2 अंडकोष, फ़ोता 3 विश्व 4 वीर्य । ~कोश (पु० ) ब्रह्मांड; कटाह (पु० ) सम्पूर्ण विश्व ( कड़ाह रूप में); ज (पु० ) अंडे से उत्पन्न जीव (सर्प, पक्षी); ~ कोषिका; धानी (स्त्री०) वह थैली जिसमें अंडा पैदा होता है; निक्षेपण (पु० ) अंडा देना; प्रजक (वि०) अंडे देनेवाला; वृत्त (पु० ) अंडाकार घेरा; - वृद्धि (स्त्री०) आँत उतरना अंडबंड - (वि०) 1 असंगत, निरर्थक (बात) 2 गाली-गलौज ।
~ सामान (पु० ) फुटकर वस्तुएँ अंडरग्राउंड-अं० (वि०) भूमिगत अंडरग्रैजुएट - अं० (पु० ) पूर्व स्नातक अंडरवियर-अं० अधोवस्त्र (जाँघिया) अंडस - ( स्त्री०) 1 कठिनाई 2 रुकावट
अंडा - (पु० ) गोलाकार पिंड जिसमें से सर्ष, पक्षी तथा मछली आदि जीवों का जन्म होता है। खटकना अंडा टूटना; ढीला हो जाना सेना 1 पक्षियों द्वारा
- फूटना अंडे से बच्चे का निकलना; 1 थक जाना 2 दिवालिया हो जाना;
अंडे पर बैठकर उसे गर्मी पहुँचाना 2 घर में बैठे रहना अंडाकर्षण-सं० (पु०) नपुंसक बनाना अंडाकार-सं० (वि०), अंडाकृति (वि०) अंडानुमा अंडाणु - सं० (पु० ) स्त्रीबीज, डिंब
अंडाशय-सं० (पु०) मादा प्राणियों में अंड अथवा डिंब के विकसित होने का स्थान (ओवरी)
अंडी - (स्त्री०) 1 रेड़ का वृक्ष या बीज 2 मोटा रेशम अँडुआ - (वि०) जो बधिया न किया गया हो। बैल (पु०) आँडू बैल, साँड़ 2 सुस्त आदमी
अँडुआना - (स० क्रि०) बधिया करना
अंडे बच्चे - ( पु० ) 1 अंडे और बच्चे 2 बाल बच्चे अंडैल - (स्त्री०) जिसके पेट में अंडे हों
अंतः सं० (वि०) 1 भीतरी 2 आपसी । ~ कथा ( स्त्री०) कथा के भीतर अन्य कथा या घटना: ~करण (पु० ) 1 भीतरी इन्द्रिय 2 सुख दुःख के अनुभव का माध्यम 3 मन 4 चित्त । ~करणभेदी (वि० ) मन को चुभने वाला; ~ कलह (पु० ) आपस की लड़ाई, गृह युद्ध कालीन (वि०) बीच के समय का; -कुटिल ( वि०) 1 कपटी 2 दुष्ट; कोण (पु० ) अंदर का कोण; क्रिया (स्त्री०) मन के भीतर चलनेवाली क्रिया; ~ क्षेत्रीय (पु०) दो क्षेत्रों के बीच का क्षेप; -क्षेपण (पु०) बीच में डाल देना; ~पटी (स्त्री०) 1 परदा 2 चित्रपट्टिका; पाती (वि०)
4
अंतर्
सत्ता
मध्यवर्ती पाशन (पु०) आपस में फँसाना; पुर (पु० ) रनिवास, जनानखाना; पूयता (स्त्री०) अंदर-अंदर पस पड़ जाना; प्रकृति 1 मूल स्वभाव 2 मन (हृदय); प्रज्ञ (पु० ) आत्मज्ञानी, तत्त्वदर्शी प्रत्यय (पु० ) शब्द के बीच में पड़ने वाला प्रत्यय; प्रवृत्ति (स्त्री०) मन का झुकाव; ~प्रेरणा (स्त्री०) भीतरी या मन की प्रेरणा; ~शासनिक (वि०) सरकार में आपस का शुद्ध मन से शुद्ध शुद्धि (स्त्री०) चित्त या मन को विकारमुक्त करना; (स्त्री०) भीतर का जीवात्मा समूह (पु० ) समुदाय का भीतरी समूह; सर्ग (पु०) (नाटक के अंदर का सर्ग; ~सलिला (वि०) अंदर प्रवाहित होनेवाली धारा; साक्ष्य (पु०) अंदर ही मिलनेवाला साक्षी, प्रमाण, साहित्यिक (पु०) साहित्य के अंदर का स्थ (वि०) भीतर स्थित; ~ स्थित (वि०) भीतर या हृदय में विद्यमान स्त्राव (पु० ) भीतर ही रिसना; स्वर (पु० ) हृदय की आवाज़ अंत-सं० (पु० ) 1 समाप्ति 2 नाश 3 मृत्यु 4 परिणाम 5 सीमा, छोर 6 प्रलय । क कर (वि०); कारी (वि०) नाश करनेवाला, संहारक, ~कर्म (पु० ) 1 मृत्यु 2 अंत्येष्टिकर्म; काल (पु०) (जीवन का) अंतिम क्षण; कृत I ( वि०) अंत करने वाला II (पु० ) मृत्यु ~ क्रिया (स्त्री०) मृतक क्रिया; ~ग (वि०) पारगामी ~गति I (स्त्री०) मृत्यु II (वि०) अंत को प्राप्त होनेवाला;
चर (वि०) सीमांत तक जानेवाला; ज (वि०) अंत में जन्म लेनेवाला; -तम (वि०) सबसे आखिरी; पाल (पु० ) द्वारपाल; ~भव (वि०) अंत में उत्पन्न; पाना भेद जान जाना; बनना अंत में ठीक हो जाना अंतड़ी - (स्त्री०) आँत । ~निकालना जान लेना; जलना भूख लगना
अंततः सं० (क्रि० वि०) अंत में, आखिरकार अंततोगत्वा - ( क्रि० वि०) अंततः
अंतरंग - [सं० (वि०) घनिष्ठ (जैसे ~ मित्र) II (पु० ) शरीर के भीतरी अंग (मन, मस्तिष्क) । ~मंत्री (पु० ) शासन का मंत्री; ~ सचिव प्राइवेट सेक्रेटरी; ~सभा (स्त्री०) प्रबन्धकारिणी समिति
अंतरंगी - सं० (वि०) दिली (दोस्त)
अंतर-सं० (अ०) 1 अंतः 2 भीतर 3 बीच में। अंतर्कथा (स्त्री०) ( शुद्ध अंतः कथा ) 1 संदर्भित कथा 2 भीतरी बात; ~कालीन (वि०) (अंतः कालीन) बीच के समय का ~क्रिया (पु० ) भीतर की क्रिया; ~गंगा (स्त्री०) गुप्त गंगा; ~गत (वि०) 1 सम्मिलित 2 भीतरी 3 बीच में समाया हुआ; गति (स्त्री०) मन की वृत्ति, भावना; गृह (पु० ) भीतर का घर; गृही (स्त्री०) 1 घर के भीतर रहनेवाला 2 घर का भीतरी भाग प्रसन (पु० ) फँसाव; ग्रस्त (वि०) फँसा हुआ, अपराध में लगा हुआ; ~ग्रही; ~ ग्रहीय (वि०) ग्रहों के आपस का; घट (पु० ) अंतःकरण; जगत् (पु० ) मन का संसार, हृदय; जनतंत्रीय (वि०) जनतंत्र के अंदर का; जात (वि०) अंदर से उत्पन्न; जातिक (पु० ) दूसरी जाति का; जातीय (वि०) जातियों के बीच में (जैसे- ~ विवाह); -जिला (पु० ) ज़िले से संबंधित जीवन (वि०)