Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons

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Page 16
________________ अंग अंगीय पाप रोग, लकवा; ~चारी घनिष्ठ मित्र; ~चालन (पु०) अंगों तोड़ना, लेना) को हिलाना डुलाना; -छद (पु०) कवच; छेद (पु०) अंगड़ाना-(अ० क्रि०) अंगड़ाई लेना 1 रोगी के किसी अंग को काटना 2 शल्य क्रिया; ~ज अंगणा-सं० (पु०) आँगन । (वि०); ~जात (वि०/पु०) अंग से उत्पन्न (पसीना, बाल, अंगना-(स्त्री०) स्त्री। -प्रिय (पु०) अशोक वृक्ष पुत्र); -जा (स्त्री०); ~जाता (स्त्री०) पुत्री; त्राण अंगरखा-(पु०) एक प्रकार की लम्बी मरदाना पोशाक (पु.) 1 जिससे अंगों की रक्षा हो (कवच, भाला) 2 वस्त्र अँगरेज़-(पु०) इंग्लैण्ड देश का निवासी 3 अंगरक्षक; ~द (पु०) बाँह का गहना 2 बालि का पुत्र; अँगरेज़ अमरीकी-(पु०, वि०) ऐंग्लो अमरीकन दान (पु०) आत्मसमर्पण (विशेषतः संभोग के लिए); अगरेज़ियत-(स्त्री०) अँगरेज़पन या अँगरेज़ी वेश-भूषा, ~धारी (पु०) प्राणी; न्यास (पु०) (संध्या-पूजा में) चाल-चलन अंगस्पर्श; ~पालिका (स्त्री०) दाई; ~पाली (स्त्री०) अँगरेज़ी-I (स्त्री०) अँगरेज़ी भाषा II (वि०) अंग्रेज़ी भाषा आलिंगन; ~प्रत्यंग (पु०) शरीर का प्रत्येक अवयव; __का, अंग्रेज़ों का प्रोक्षण (पु०) अंग पोंछना, अंग की सफाई: ~भंग अँगरेज़ीदान-(पु०) अंग्रेज़ी का जानकार (पु०) शरीर या अंग का टूटना; ~भंगिमा (स्त्री०); अंगलेट-(पु०) शारीरिक ढाँचा या गठन, काठी ~भंगी (स्त्री०) 1 शरीर के अंगों की मनोहारी चेष्टाएँ 2 अंगों अंगांगीन्याय-(पु०) पूर्ण और उसके भाग का सिद्धांत के संचालन द्वारा भाव-प्रकाशन; ~भाव (पु०) नृत्य एवं अंगांगिभाव-सं० (पु०) 1 शरीर और शरीर के अंगों का संगीत में अंगों द्वारा भाव प्रदर्शन; ~भूत (वि०) 1 शरीर या सम्बन्ध 2 विशेष एवं गौण का सम्बन्ध 3 पूर्ण और उसके भाग अंग से उत्पन्न 2 किसी के अंगरूप, अंतर्गत; ~मर्द (पु०); का संबंध मर्दक (पु०) 1 हड़ियों में दर्द होना 2 मालिश करने वाला; अंगा-(पु०) अँगरखा, चपकन. ~मर्दन (पु०) मालिश; ~मारी (स्त्री०) महारोग; अंगाकड़ी-(स्त्री०) अंगारे पर बनाई गई रोटी रक्षक (पु०) 1 सैनिक 2 व्यक्ति की रक्षा करनेवाला; अंगार-सं० (पु०) 1 अंगारा, दहकता कोयला या पत्थर ~रक्षी (पु०) 1 कवच 2 पोशाक; राग (पु०) सुगन्धित | 2 लाल रंग। ~कारी (पु०) बिक्री हेतु कोयला बनानेवाला; लेप, उबटन; ~लीला (पु०) शारीरिक चेष्टाएँ या कलाएँ: ~धानी (स्त्री०) अंगीठी; ~परिपाचित (वि०) अंगारे पर लेप (पु०) शरीर पर लगाने वाले गंधयुक्त पदार्थ; पकाया गया खाद्य; ~उगलना उग्रता का परिचय देना -विकल (वि.) 1 विकलांग 2 अचेत; -विकार अंगारक-सं० (पु०), छोटा अंगारा (चिनगारी) (पु०); ~विकृति (स्त्री०) शारीरिक दोष एवं कमी; अंगारकाम्ल-सं० (पु०) कार्बन और आक्सीजन के संयोग से विक्षेप (पु०) (संगीत, नृत्य, कलाबाजी में) अंगों का बना अम्ल संचालन; विच्छेद (पु०) शरीर के रुग्ण अंग को काटना अँगारा-(पु०) पत्थर, कोयला, कंडा आदि का दहकता रूप । (कैंसर रोग); ~विद्या (स्त्री०) अंगों के चिह्नों द्वारा शुभ बनना या होना गुस्से से लाल होना; रे उगलना कट अशुभ का ज्ञान प्राप्त करना; -विन्यास (पु०), शरीर के बातें कहना; ~रों पर पैर रखना जानते हुए भी संकट में अंग एवं वाक्य पदों को जोड़ना; -वैकृत (पु०) अंग संकेत पड़ना; ~रों पर लोटना गुस्से में तड़पना या जलना; रे द्वारा भावों का प्रदर्शन: ~शद्धि (स्त्री०) मंत्र आदि के फॉकना कुपरिणाम वाले कार्य करना; रे बरसना बहुत माध्यम से शरीर की सफ़ाई; शैथिल्य (प०) शरीर का गर्मी पड़ना; लाल~ (पु०) गुस्से से लाल आदमी ढीलापन या थकावट; ~शोष (पु०) सूखारोग; ~संग अंगारिणी-से० (स्त्री०) 1 अँगीठी 2 अस्त होते सूर्य की रक्त (पु०), 1 सशरीर 2 मैथुन या संभोग; ~संचालन (पु.) रंजित दिशा अंगों को हिलाने डुलाने की क्रिया; ~संस्कार (पु०) शरीर अंगारित-सं० (वि०) पूर्ण रूप से जला हुआ की सजावट, शृंगार; ~संस्थान (पु०) (शब्दों का) रूप अंगारी-सं० (स्त्री०) गँडासे से कटी ईख के टुकड़े विचार; ~संहति (स्त्री०) अंगों की बनावट; सख्य अँगारी-सं० (स्त्री०) चिनगारी (पु०) प्रगाढ़ मित्रता; सिहरी • हिं० (स्त्री०) ज्वर के पूर्व अंगिका-सं० (स्त्री०) 1 अंतःवस्त्र 2 कंचुकी का कंपन; ~सौष्ठव (पु०) अंगों की सुंदरता; स्थिति | अंगिया-(स्त्री०) 1 चोली 2 छलनी। ~का कंठा या घाट (स्त्री०) अंगों की अवस्था; ~ हानि (स्त्री०) अंग विशेष का (पु०) गले के नीचे का खुला भाग निष्क्रिय होना; ~हार (पु०) 1 मटकना 2 नृत्य; -हीन अंगी-I सं० (वि०) शरीरयुक्त II (पु०) 1 शरीरधारी 2 अंग (वि०) शरीर में किसी अंग का न होना; ~ढीला होना; विशेष 3 नाटक का प्रधान पात्र अथवा नायक 4 प्रधान रस ~ढीले होना थक जाना; ~उभरना यौवन का आगमन; 5 समष्टि, कुल ~करना स्वीकार करना; चुराना संकोच करना; छूना अंगीकरण-सं० (पु०) 1 ग्रहण 2 सहमत होना . शपथ लेना; टूटना अंगड़ाई आना; तोड़ना पूर्णतः अंगीकार-सं० (पु०) ग्रहण, स्वीकार शिथिल कर देना; ~मोड़ना संकुचित होना; लगना गले अंगीकृत-सं० (वि०) अपनाया, लिया गया, स्वीकृत लगना; - लगाना गले लगाना; फूले न समाना बहुत अंगीकृति-सं० (स्त्री०) सहमति या स्वीकृति प्रसन्न होना अँगीठी-(स्त्री०) अग्नि पात्र या वोरसी (बड़ा अँगीठा) अंगड़ खंगड़-(वि०) टूटी-फूटी अनावश्यक वस्तुएँ अंगीभूत-सं० (वि०) अंग बना हुआ, समाया हुआ अँगड़ाई-(स्त्री०) शरीर का तानना (क्रि० आना. | अंगीय-सं० (वि०) अंग संबंधी

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