Book Title: Sanskrit Hindi Kosh
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Nag Prakashak

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ५ ) हुआ, 2 विघ्नरहित, बाधारहित । सम० त्व (बि०) सदा आमोदप्रिय; - ऋतुः वह समय या ऋतु जिसमें सदा की भांति पुष्पादि उत्पन्न हों; (वि० ) फलदायी । लिपिक, लेखक, नकुलनवीस। इसी प्रकार जीवकः । अखंडित (वि० ) [ न खंडित: न० त०] 1 न टूटा 'जीवी, 'जीविकः पेशेवर लेखक । च्युतकं किसी अक्षर के लुप्त होने के कारण दूसरा ही अर्थ निकलना । --छंबस् (नपुं० ) - वृत्तं वर्णों की संख्या से बद्ध छंद या वृत्त - जननी - तूलिका सरकंडा या कलम । -- (वि) म्यास 1 लिखना, वर्णक्रम 2 वर्णमाला 3 वेद - भूमिका तख्ती - रघु० १८/४६ - मुखः विद्वान्, विद्यार्थी । - वर्जित (वि०) अशिक्षित, बिना पढ़ा-लिखा । - शिक्षा (स्त्री) गुह्य अक्षरों की विद्या । - संस्थानं वर्णविन्यास लिखना, वर्णमाला | अक्षरकं [ स्वार्थे कन् ] स्वर, अक्षर । अक्षरश: ( क्रि० वि० ) [ अक्षर + शस् वीप्सार्थे ) ] एक एक अक्षर करके 2 शब्दशः, शब्द शब्द करके । अक्षयती (स्त्री० ) [ अक्ष + मतुप् + ङीप् ] खेल, पासे द्वारा खेल, जुए का खेल | अक्षांति: ( स्त्री० ) [ न० त० ] असहिष्णुता, स्पर्धा, ईर्ष्या । अक्षर (वि० ) ( न० ब० ] कृत्रिम लवणरहित । –ः प्राकृतिक लवण | अक्षि ( नपुं० ) [ अश्नुते विषयान् अश् + क्सि ] ( अक्षिणी, अक्षीणि, अक्ष्णा, अक्ष्ण: आदि) 1 आँख 2, दो की संख्या । सम० - कंपः झपकी- रघु० १४।६७ | ---कूटः -- कूटकः -- गोल: -- तारा आँख का डेला, आँख की पुतली । गत ( वि० ) 1 दृश्यमान, उपस्थित - शि० ९।८१, २ आँख में रड़कने वाला, आँख का काँटा, घृणित - 'तोऽहमस्य हास्यो जातः - दश० १५९।पक्ष्मन्, – लोमन् ( न० ) पलक - पटलं 1 आंख की झिल्ली 2 झिल्ली से संबद्ध आंख का रोग - विकूणितं, - विशितं तिरछी नजर, अधखुली आँखों से देखना । अक्षुण्ण (वि० ) [ न० त०] ] न टूटा हुआ, अखण्ड 2 अविजित, सफल - अक्षुण्णोऽनुनयः वेणी० ११२, 3 जो कूटा पीटा न गया हो, असाधारण शि० १।३२ । अक्षेत्र ( वि० ) [ न० ब० ] खेतों से रहित, बिना जुता । -- 1 खराब खेत 2 (आलं) बुरा विद्यार्थी, कुपात्र । सम० - बाबू (वि०) आत्मज्ञान से विरहित । meric: [ अ + ओट ] अखरोट, (मरा० डोंगरी अक्रोड ) । अक्षोभ्य (वि० ) [ न० त०] स्थिर, घीर-रघु १७७४ । अक्षौहिणी (स्त्री) [ अक्षाणां रथानां सर्वेषामिन्द्रियाणां वा ऊहिनी - ष० त०] [ अक्ष् + ऊह् + णिनि + ङीप् ] पूरी चतुरंगिणी सेना जिसमें २१८७० रथ, २१८७० हाथी, ६५६१० घोड़ तथा १०९३५० पदाति हों । अखंड ( वि० ) [ न० ब० ] जो टूटा न हो, संपूर्ण, समस्त -अखंड पुण्यानां फलमिव - श० २।१० डम् ( क्रि० वि०) निरन्तर, अविराम । अखंडन (वि० ) [ न० ब० ] जो टूटा न हो, टूट न सके, पूरा, संपूर्ण न टूटना, निराकरण न करना; -मः समय । अथर्व ( वि० ) [ न० त० ] 1 जो बौना या छोटे कद का न हो, जिसकी शारीरिक वृद्धि न रुकी हो 2 मनल्प, बड़ा, -अखर्वेण गर्वेण विराजमानः - दश० 31 अखात ( वि० ) [ न० त०] न खुदा हुआ, न दफनाया हुआ -तः, तं 1 प्राकृतिक झील 2 मंदिर के सामने का पोखर । अखिल (वि० ) [ नास्ति खिलम् अवशिष्टम् यस्य न० ब० ]1 सम्पूर्ण, समस्त, पूरा इसका प्रयोग प्रायः 'सर्व' के साथ पाया जाता है: -- एतद्धि मत्तोऽभिजगे सर्वमेषोऽखिलं मुनिः मनु० ११५९ लेन ( क्रि० वि०) पूर्ण रूप से 2 भूमि जो परत की न हो, जुती हुई हो। अखेटिक (पुं० ) [ नञ + खिट् + षिकन् न० त० ] 1 वृक्षमात्र 2 शिकारी कुत्ता | अस्पाति [ न० त०] अपकीर्ति, अपयश | सम० - कर (वि०) अपकीर्तिकर, लज्जाजनक | अग् ( म्वा० पर० अक० सेट् अगति, आगीत्, अगिष्यति, अगित ) 1. सर्पिल गति से जाना, टेढे मेढ़े चलना, 2. जाना ( अंगति आंगीत -आदि ) । अग (वि० ) [ न गच्छतीति गम् + ड, न० त०] 1. चलने में असमर्थ, अगम्य; - 1. वृक्ष 2. पहाड़, पत्थर 3. साँप 4. सूर्य 5. सात की संख्या । सम० आत्मजा पर्वत की पुत्री, पार्वती । - ओकस् (पुं० ) 1. पहाड़ी 2. पक्षी ( वृक्षवासी) 3. 'शरभ' नामक जन्तु जिसकी आठ टांगे मानी जाती हैं 4. सिंह; ज (वि०) पहाड़ों में घूमने वाला, जंगली, –जम् शिलाजीत । अगच्छ ( वि० ) [ गम्- बाहुलकात् श न० त०] न जाने वाला । छः (पु० ) वृक्ष । अगतिः (स्त्री० ) [ न० त०] 1. आश्रय या उपाय का अभाव, आवश्यकता 2. प्रवेश न होना ( शा० और आलं ० ) । अगति (तो) क ( वि० ) [ न० ब०] निस्सहाय, निपान, निराश्रय, - बालमेनामगतिमादाय - दश ९ वडस्स्वगतिका गतिः - या० १।३४६ । अगव ( वि० ) [ न० ब० ] नीरोग, स्वस्थ, रोगरहित । -ः 1. औषधि, दवाई 2, स्वास्थ्य 3. विषहरण विज्ञान | अगवंकारः ( पु० ) [ अगदं करोति - अगद +कृ+अणु मुमागमश्च] वैद्य, चिकित्सक । अगम्य ( वि० ) [ न गन्तुमर्हति - गम् + यत् न० त०] 1. दुर्गम, न जाने योग्य, पहुँच के बाहर ( शा० बीर For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 1372