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माल
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TAWANIRAHAWANA
- कामी जनों को लज्जा नहीं होती। ..... काम से ग्रस्त मनुष्य न सुनता है, न सूघता है और न देखता है। ..... स्त्रियों का चित्तहरण करने में लगे हुए मानव सब कुछ कर
सकते हैं। .--- कुशील मनुष्य का वैभव केवल मल्ल है । .... मोहग्रस्त कामियों को हेयोपादेय का ज्ञान नहीं होता। ... कामी मनुष्यों को हिताहित का ज्ञान नहीं होता। ...... धर्म को दुषित करनेवाले काम को धिक्कार है। ...... सूर्य सो दिन में ही तपता है किन्तु काम दिन रात तपता रहता है। ..... काम की पंष्टा विचित्र होती है। ..... काम समस्त रोगों में प्रधान है । .... कामासक्त पापी व्यक्ति कुछ भी नहीं समझता । ... बुद्धि को नष्ट करनेवाला काम हजारों बीमारियों में सबसे बड़ी
बीमारी है। --... क्षुद्र मनुष्य काम की ज्वाला से परम दाह को प्राप्त होते हैं : .... सत्य है, पर स्त्री हरण दुर्गति के दुःख का कारण है । ..... पर स्त्री कर्दम से लिप्त पुरुष की अपकीति होती है। ... पर स्त्री की अभिलाषा अनुचित और अति भयंकर है। -. जो परस्त्री-लम्पट हैं वे अवश्य ही दण्ड के पात्र हैं।
.-- इस संसार में देहधारियों की देह ही धर्म का पहला साधन है । .- प्राण निकल जाने पर शरीर शोभाविहीन हो जाता है ।