Book Title: Puran Sukti kosha
Author(s): Gyanchandra Khinduka, Pravinchandra Jain, Bhanvarlal Polyaka, Priti Jain
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 129
________________ BANKA ---- संसार सागर से पार होने का उपाय ही मार्ग है। ..... युद्ध करना और करुणा करना ये दोनों परस्पर विरुद्ध हैं। ----- रत्न वे ही हैं जो उपयोग में पावें / - प्राणियों की कचि विचित्र होती है। . वायु से पानी की एक बूद उड़ जाने से समुद्र में कोई कमी नहीं पाती। 4. विष का एक कण सारे तालाब को दूषित कर सकता है। .... शास्त्र वही है जो माता के समान सबके लिए हितोपदेशी हो / .... स्नेह और शोकयुक्त मन में विचारणक्ति नहीं होती। ....- महानदी समुद्र को छोड़कर सरोवर की ओर नहीं जाती / 111

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