Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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जैन समाज के सितारे, धर्मनिष्ठ सुश्रावक अनन्य गुरुभक्त
श्रीमान भरमल जी सा० बोकडिया
गौरवर्ण, लम्बा कद, हंसमुख, वाणी में मधुरता, आतिथ्य सत्कार में प्रवीण सेठ सा० श्री भूरमलजी सा० बोकडिया मेडता निवासी हैं। समाज में प्रमुख कार्यकर्ता और गणमान्य व्यक्ति हैं। आपके पिता श्री सेठ सा० पूनमचन्द जी बोकडिया थे ।
स्व० पूज्य गुरुदेव श्रमणसूर्य मरुधरकेसरी श्री १००८ श्री मिश्रीमल जी म० सा० के प्रति आपकी अगाध श्रद्धा थी। वर्तमान में उनके आज्ञानुवर्ती व शिष्य मरुधरा रत्न श्री रूपचन्द जी म० सा० 'रजत' और मरुधरा भूषण पं० रत्न श्री सुकनमल जी म. सा. में आपकी पूर्ण श्रद्धा है।
मेड़ता में पहले आपका ऊन का बड़ा व्यापार था। आजकल अनाज के कमीशन एजेंट के रूप में आपका प्रमुख व्यवसाय है। फर्म का नाम 'जसराज
दुलीचन्द' है। Jain Education International For Private & Personal Use Only
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