________________ ओं को मश्करी से भी परेशान करना बुरा है, तो फिर जानबूझकर दुष्ट इरादे से दिये हुए दुःख के बारे में पूछना भी क्या ? दूसरी बात यह है कि, स्कूल ये पहिला पाठ यही पढाया जाता है,"बड़ा भाई छोटे भाई के लिए पिता के तुल्य है" और उनकी धर्मपत्नी माता के तुल्य है, इसी प्रकार बड़े भाई के लिए छोटा भाई तथा उसकी धर्मपत्नी पुत्र-पुत्री के रुप में है, अतः माता के समान बड़े भाई की पत्नी पर तथा पुत्री के तुल्य छोट भाई के पत्नी की तरफ नजर बिगाडना बड़ा भारी पाप माना गया है, जिसका फल, आपस में बैर, विरोध, मारकाट तथा लक्ष्मी और सरस्वती देवी का अभिशाप ही भाग्य में रहता है / / 1. आप जैसे उच्च खानदान में जन्मे हुए के लिए तो इस पाप का प्रायश्चित भी मिलना असंभव है। तथा प्रायश्चित बिना के मानव इन्सान के ऊपर 33 करोड देवों की नाराजी अनिवार्य रहती है। राज मंत्री, सैनिक तथा महाजनों का प्रथम धर्म यही है कि, 'परस्त्री मातेव पर स्त्री को माता के समान समझे, इस कारण से आप हमारी बात माने और व्यभिचार, दुराचार आदि पापों से मुक्त होकर अपनी इन्सानियत तथा खानदान का रक्षण करें / बलात्कार द्वारा साधारण स्त्री का भी किया हुआ ब्रह्मचर्यखंडन, ज्ञान, तप, तेज तथा विज्ञान को समाप्त करता है, तो फिर सतो शिरोम गो नारी के प्रति पाप भावना करने क' अनिष्ट फल कितना भयंकर होता है उसका माप निकालना भी असंभव है फिर भी आपने यदि दमयंति पर बलात्कार किया तो यह सती शाप के जरिये आपको जलाकर भस्मावशेष कर देगी, क्योंकि सतिओं के लिए कुछ भी दुष्कर नहीं है। पर स्त्रीओं को सताकर निरर्थक सोये हुए सांप को जगाने जैसी अनर्थ परम्परा से आप बच जाइयेगा तथा अपने पति के पीछे जाती हुई, दमयंती को बड़े आराम से जाने दीजियेगा / कुबर राजा न बात मान ली तथा मार्ग में जो भी सामान काम मैं आवे, तथा दो घोड एक सारथी सहित रथ भी दिया। नलराजा ने कहा, भरतार्ध भूमि तक P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhal Trust