Book Title: Kasaypahudam Part 04
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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गा०२२]
पदणिक्खेको जाणिदूण घडावेदव्वं । सेसपयडीणं णत्थि अप्पाबहुअं; एयपदत्तादो । एवं सुकले। अणुद्दिसादि जाव सव्वट्ठ० सव्वपयडि० अप्पाबहुअं णत्थि; एगपदत्तादो। एवमाहार०आहारमिस्स०-अवगद०-अकसा०-आभिणि-सुद०-ओहि०मणपज्ज०-संजद०-सामाइयछेदो०-परिहार-सुहुम० जहाक्खाद-संजदासंजद०-ओहिदंस०-सम्मादि०-खइय०-वेदय०. उवसम०-सासण-सम्मामिच्छादिष्टि ति । अभव० छब्बीसं पयडीणं मदि०भंगो। एवमप्पाबहुगाणुगमे समत्ते भुजगाराणुगमो समत्तो।
पदणिक्खेवो * एत्तो पदणिक्खेवो।
६१६६. सुगममेदं; भुजगारविसेसो पदणिक्खेवो एत्तो अहिकओ दडव्वो त्ति अहियारसंभालणफलत्तादो। कथं भुजगारविसेसो पदणिक्खेवो ति णासंकणिज्जं; तत्थ परूविदाणं चेव भुजगारादिपदाणं वड्डि-हाणि-अवठ्ठाणसणं कादूग जहण्णुकस्सविसेसेण विसेसिदूणेत्थ परूवणादो।
* पदणिक्खेवे परूवणा सामित्तमप्पाबहुअं । $ १६७. एदं सुत्तं पदणिक्खेवत्थाहियारपमाणेण सह तण्णामाणि परूवेदि । एल्थ
क्योंकि उनका एक पद है। इसी प्रकार शुक्ललेश्यामें जानना चाहिए। अनुदिशसे लेकर सर्वार्थसिद्धितकके देवोंमें सब प्रकृतियोंका अल्पबहुत्व नहीं है, क्योंकि एक पद है। इसी प्रकार आहारककाययोगी, आहारकमिश्रकाययोगी, अपगतवेदी,अकषायी,आभिनिबोधिकज्ञानी, श्रुतज्ञानी, अवधिज्ञानी, मनःपर्ययज्ञानी, संयत, सामायिकसंयत, छेदोपस्थापनसंयत, परिहारविशुद्धसंयत, सूक्ष्मसम्परायसंयत, यथाख्यातसंयत, संयतासंयत, अवधिदर्शनी, सम्यग्दृष्टि, क्षायिकसम्यग्दृष्टि, वेदकसम्यग्दृष्टि, उपशमसम्यग्दृष्टि, सासादनसम्यग्दृष्टि और सम्यग्मिध्यादृष्टि जीवोंके जानना चाहिए। अभव्योंमें छब्बीस प्रकृतियोंका भङ्ग मत्यज्ञानी जीवोंके समान है। इस प्रकार अल्पवहुत्वके समाप्त होने पर भुजगारानुगम समाप्त हुआ।
पदनिक्षेप * यहाँसे पदनिक्षेपानुगमका अधिकार है।
६१६६. यह सूत्र सुगम है। भुजगार विशेषको पदनिक्षेप कहते हैं। जिसका यहाँसे अधिकार है। इस प्रकार अधिकारकी सम्हाल करना इस सूत्रका फल है।
शंका-भुजगारविशेषका नाम पदनिक्षेप कैसे है ?
समाधान-ऐसी आशंका नहीं करनी चाहिये, क्योंकि भुजगार अनुयोगद्वारमें कहे गये भुजगार आदि पदोंकी ही वृद्धि, हानि और अवस्थानरूप संज्ञा करके तथा उन्हें जघन्य और उत्कृष्ट विशेषणसे विशेषित करके उनका यहाँ कथन किया गया है।
* पदनिक्षेपमें प्ररूपणा, स्वामित्व अल्पबहुत्व ये तीन अनुयोगद्वार होते हैं। $ १६७. यह सूत्र पदनिक्षेपके अधिकारोंकी संख्याके साथ उनके नामोंका कथन करता है।
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