Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 29
________________ ७५. प्रश्न : वामन संस्थान किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से शरीर होना होता है जो वा संस्थान कहते हैं। ७६. प्रश्न : कुब्जक संस्थान किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से जीव का शरीर कुबड़ा होता है उसे कुब्जक संस्थान कहते हैं। ७७. प्रश्न : हुण्डक संस्थान किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से जीव का शरीर किसी खास आकृति का न होकर विरूप होता है उसे हुण्डक संस्थान कहते हैं। ७६. प्रश्न : संहनन नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से शरीर के अन्दर संहनन हड्डी की रचना होती है उसे संहनन नामकर्म कहते हैं। इसके ६ भेद हैं१. वर्षभनाराच संहनन २. वज्र नाराच संहनन ३. नाराच संहनन ४. अर्धनाराच संहनन ५. कीलक संहनन और ६. असंप्राप्त सृपाटिका संहनन। ७६. प्रश्न : वज्रर्षभ नाराच संहनन नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से वज्र के हाड़, वज्र के वेष्टन और वज़ की कीलें हों उसे वर्षमनाराच संहनन नामकर्म कहते हैं। (२४)

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