Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 35
________________ १०१. प्रश्न : स्थावर नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से एकेन्द्रिय जीवों में जन्म हो उसे स्थावर नामकर्म कहते हैं। इसके पाँच भेद हैं- १, पृथिवीकायिक २. जलकायिक ३. अग्निकायिक ४. वायुकायिक और ५. वनस्पातकाधिक। १०२. प्रश्न : सुभग नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से दूसरों को प्रिय लगने वाला शरीर प्राप्त हो उसे सुभग नामकर्म कहते हैं। १०३. प्रश्न : दुर्भग नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिस कर्म के उदय से अपना रूपादि गुणों से युक्त भी शरीर दूसरों को अच्छा न लगे उसे दुर्भग नामकर्म कहते १०४. प्रश्न : सुस्वर नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से जीव को अच्छा स्वर प्राप्त होता है उसे सुस्वर कहते हैं। १०५. प्रश्न : दुःस्वर नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर : जिसके उदय से अच्छा स्वर न हो उसे दुःस्वर नामकर्म कहते हैं। (३०)

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