Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 118
________________ .. २८६. प्रश्न : एक मुहूर्त में कितने श्वास होते है ? उत्तर : एक मुहूर्त में तीन हजार सात सौ तिहत्तर श्वास होते हैं। २८७. प्रश्न : यह जीव एक श्यास में कितनी बार जन्म मरण करता है ? उत्तर : एक श्वास में अठारह बार जन्म मरण कर सकता है। २५८. प्रश्न : एक मुहूर्त में कितनी बार जन्म मरण कर सकता उत्तर : एक मुहूर्त में छियासठ हजार तीन सौ छत्तीस बार जन्म मरण कर सकता है। २८६. प्रश्न : संसारी लीय की जन्य आर लिखती है ? उत्तर : संसारी जीव की जघन्य आयु श्वास के अठारहवें भाग है। २६०. प्रश्न : संसारी जीव की उत्कृष्ट आयु कितनी है ? उत्तर : संसारी जीव की उत्कृष्ट आयु तेतीस सागर है। २६१. प्रश्न : सागर किसे कहते है ? उत्तर : दस कोड़ा कोड़ी अद्धा पल्यों का एक सागर होता है। २६२. प्रश्न : कोडाकोड़ी किसे कहते है ? उत्तर : एक करोड़ में एक करोड़ का गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त हो उसे कोडाकोड़ी कहते हैं। २६३. प्रश्न : अछापल्य किसे कहते है ? (११३)

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