Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 122
________________ चित्र उदय त्रिभंगी, उदय योग्य प्रकृतियों १२२ अनुदय उदय व्युछित्ति मिथ्यात्व गुणस्थान सासादन मिश्र अविरत स. देशविरत प्रमत्त विरत अप्रमत्त विरत अपूर्वकरण अनिवृत्तिकरण सूक्ष्म सांपराय उपशान्त मोह क्षीणमोह सयोग केवली अयोग केवली (448)

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