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१६४. प्रश्न : त्रयोदश-सयोग केवली गुणस्थान में व्युच्छिन्न
होने वाली १ प्रकृति कौन है ? उत्तर : सातावेदनीय, इस एक प्रकृति की बंध व्युच्छित्ति
त्रयोदशगुणस्थान में होती है ? - १६५. प्रश्न : किस गुणस्थान में कितनी प्रकृतियों का बन्ध होता
उत्तर : मिथ्यादृष्टि आदि तेरह गुणस्थानों में क्रम से ११७, १०१,
७४, ७७, ६७, ६३, ५६, ५८, २२, १७, १, १, १, प्रकृतियों का बन्ध होता है। चौदहवें मुणस्थान में किसी
भी प्रकृति का बन्ध नहीं होता। . १६६. प्रश्न : किस गुणस्थान में कितनी प्रकृतियों का अबन्य
उत्तर : मिथ्यादृष्टि आदि चौदह गुणस्थानों में क्रम से ३, १६,
४६, ४३, ५३, ५७, ६१, ६२, ६८, १०३, ११६, ११६,
११६, १२० प्रकृतियों का अबन्ध है। १६७. प्रश्न : मिथ्यादृष्टि आदि गुणस्थानों में बन्ध त्रिभंगी की
योजना किस प्रकार की जावे ?
उत्तर : कुल बन्ध योग्य प्रकृतियाँ १२० हैं उनमें से तीर्थकर का
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