Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 74
________________ वृतीयाधिकारः १८३. प्रश्न उदय किसे कहते हैं ? उत्तर : द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव के अनुसार कर्मों का फल देने लगना उदय कहलाता है । १८४ प्रश्न किस प्रकृति का किस गुणस्थान में उदय होता है ? उत्तर : आहारक शरीर और आहारक शरीरांगोपांग का उदय छठे गुणस्थान में तीर्थंकर प्रकृति का केवली तेरहवें, चौदहवें गुणस्थान में, सम्यङ् मिथ्यात्व का तृतीय गुणस्थान में, सम्यक्त्व प्रकृति का वेदक सम्यग्दृष्टि के चतुर्थ से लेकर सप्तम् गुणस्थान तक, आनुपूर्वी का उदय प्रथम, द्वितीय और चतुर्थ गुणस्थान में, अनन्तानुबन्धी का उदय प्रथम, द्वितीय गुणस्थान में, अप्रत्याख्यानावरण चतुष्क का उदय प्रथम से चतुर्थ गुणस्थान तक प्रत्याख्यानावरण चतुष्क का उदय प्रथम से पंचम गुणस्थान तक, संज्वलन क्रोध, मान, माया का उदय प्रथम से लेकर नवम् गुणस्थान तक और संज्वलन लोभ का प्रथम से लेकर दशम् गुणस्थान तक, नरकायु और देवायु का उदय प्रथम से लेकर चतुर्थ गुणस्थान तक, तिर्यगायु का उदय प्रथम से लेकर पंचम् (६६) .

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