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२१७. प्रश्न : सरक श्रेणी काले नमार गुणपन में
प्रकृतियों का क्षय किस प्रकार होता है ? उत्तर : नवम् गुणस्थान के नौ भाग हैं। उनमें से पहले भाग में
नरकगति, नरकगत्यानुपूर्वी, तिर्यग्गति, तिर्यग्गत्यानुपूर्वी, द्वीन्द्रिय-त्रीन्द्रिय-चतुरिन्द्रिय जाति, स्त्यानगृद्धि, निद्रा निद्रा, प्रचला प्रचला, उद्योत, आतप, एकेन्द्रिय जाति, साधारण, सूक्ष्म और साधारण, इन सोलह प्रकृतियों का क्षय होता है। द्वितीय भाग में अप्रत्याख्यानावरण चतुष्क और प्रत्याख्याना चतुष्क, इन आठ प्रकृतियों का, तृतीय भाग में १ नपुंसकवेद का, चतुर्थ. भाग में १ स्त्रीवेद का, पंचम् भाग में ६ नो कषायों का, षष्ठम् भाग में १ पुरुषवेद का, सप्तम भाग में १ संज्वलन क्रोध का, अष्टम् भाग में
संज्वलनमान का और नवम् भाग में संज्वलन माया का __ . क्षय होता है। २१. प्रश्न : दशम् गुणस्थान में क्षय होने वाली १ प्रकृति कौन
उत्तर : संज्वलन लोभ, इस १ प्रकृति का क्षय दशम् गुणस्थान के
अन्त में होता है। उपशान्त मोह-गुणस्थान, क्षपक श्रेणी वाले के नहीं होता, मात्र उपशम श्रेणी वाले के होता है