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२३६. प्रश्न : संक्रमण किस प्रकार होता है ? उत्तर : मूल प्रकृतियों का संक्रमण नहीं होता अर्थात् ज्ञानावरणादि
के प्रदेश दर्शनावरणादि रूप नहीं होते। दर्शन मोहनीय, चारित्र मोहनीय रूप नहीं होता। आयुकर्म के चार भेद कभी अल्प आयुरूप नहीं होते। शेष उत्तर प्रकृतियों का संक्रमण होता है। सम्यक्त्व प्रकृति का असंयत सम्यग्दृष्टि से लेकर अप्रमत्त संयत गुणस्थान तक संक्रमण नहीं होता । इसी प्रकार मिथ्यात्व प्रकृति का मिथ्यात्व गुणास्थान में तथा सम्यङ् मिथ्यात्व का मिश्र गुणस्थान में संक्रमण नहीं होता। दर्शन मोहनीय के तीन भेदों का सासादन
और मिश्र गुणस्थान में संक्रमण नहीं होता। सामान्य से दर्शन मोहनीयं का संक्रमण असंयतादि चार गुण-स्थानों में होता है।
२३७. प्रश्न : उद्वेलन संक्रमण का क्या स्वरूप है ? उत्तर : अधः प्रवृत्त आदि तीन कारण रूप परिणामों के बिना ही
कर्म परमाणुओं का अन्य प्रकृति रूप परिणमन होना उद्वेलन संक्रमण कहलाता है। यह आहारक द्विक आदि १३ प्रकृतियों में ही होता है।