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है अन्यत्र नहीं ।
१३६. प्रश्न: किस संहनन का धारी जीव स्वर्ग और नरक में कहाँ तक उत्पन्न होता है ?
उत्तर : असंप्राप्ा पाटिका सहन वाही आठवें स्वर्ग तक कीलक संहनन वाले बारहवें स्वर्ग तक, अर्ध नाराच संहनन वाले सोलहवें स्वर्ग तक, नाराच, वज्र नाराच वज्रर्षभनाराचइन तीन संहननों वाले नवग्रैवेयक तक, वज्रनाराच, वज्रर्षभनाराच इन दो संहननों वाले नव अनुदिश विमानों तक और वज्रर्षभ संहनन वाले अनुत्तर विमानों तक उत्पन्न होते हैं।
छह संहनन वाले संज्ञी जीव यदि नरक जायें तो तीसरे नरक तक, सृपाटिका को छोड़ शेष पाँच संहनन वाले पाँचवें नरक तक अर्धनाराच पर्यंत वाले छठे तक और वज्रर्षभ संहनन वाले सातवें नरक तक जाते हैं।
।। इति प्रथमाधिकारः ॥
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