Book Title: Karananuyoga Part 2
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 58
________________ किया जाता है। १५४. प्रश्न : किस गुणस्थान में कितनी प्रकृतियों की बंध व्युच्छित्ति होती है ? उत्तर : प्रथम गुणस्थान में १६, द्वितीय गुणस्थान में २५, तृतीय गुणस्थान में शून्य, चतुर्थ गुणस्थान में १०, पंचम् गुणस्थान में ४, षष्ठम् गुणस्थान में ६, सप्तम् गुणस्थान में १, अष्टम् गुणस्थान में ३६, नवम् गुणस्थान में ५, दशम् गुणस्थान में १६, एकादश और द्वादश गुणस्थान में शून्य तथा त्रयोदश गुणस्थान में एक प्रकृति की बन्ध व्युच्छित्ति होती है। चतुर्दश गुणस्थान में बन्ध और बन्ध व्युच्छित्ति कुछ भी नहीं है। १५५. प्रश्न : प्रथम-मिथ्यात्व गुणस्थान में व्युच्छिन्न होने वाली १६ प्रकृतियाँ कौन कौन है ? उत्तर : १. मिथ्यात्व, २. हुण्डक संस्थान, ३ नपुंसकवेद, ४ असंप्राप्त सृपाटिका संहनन, ५ एकेन्द्रिय जाति, ६ स्थावर, ७ आतप, ८ सूक्ष्म, ६ अपर्याप्त, १० साधारण, ११ द्वीन्द्रिय, १२ त्रीन्द्रिय, १३ चतुरिन्द्रिय जाति,

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