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द्वितीयाधिकार
१४०, प्रश्न : बन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : कषाय सहित जीव, कर्मरूप होने के योग्य पुद्गल परमाणुओं
को जो ग्रहण करता है उसे बन्ध कहते हैं। जीव और कर्म का यह बन्ध नीर-क्षीर के समान एक क्षेत्रावगाह होकर
संश्लेषात्मक संयोगरूप होता है। १४१. प्रश्न : बन्य के कितने भेद हैं ? उत्तर : चार हैं- १ प्रकृति बन्ध २ स्थिति बन्ध ३ अनुभाग बन्ध
और ४ प्रदेश बन्ध। १४२. प्रश्न : प्रकृति बन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : कर्म परमाणुओं में ज्ञान को आवृत करना आदि का
स्वभाव पड़ना प्रकृति बन्ध है। १४३. प्रश्न : स्थिति बन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : कर्म प्रदेशों में फल देने की शक्ति का जो हीनाधिक काल
है उसे स्थिति बन्ध कहते हैं। १४४. प्रश्न : अनुभाग बन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : कर्म प्रदेशों में फल देने की शक्ति की जो हीनाधिकता है
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