Book Title: Jugaijinandachariyam
Author(s): Vardhmansuri, Rupendrakumar Pagariya, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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जुगाइजिणिंद-चरियं
तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करित्ता तस्स उत्तरपुरथिमिल्ले दिसीभागे विमाणं ठवेइ ठवित्ता जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमायरं च तेणेव च उवागच्छइ उवागच्छित्ता आलोए चेव पणामं करेइ करित्ता सामी समायरं आयाहिणं पयाहिणं करेइ करित्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी--"नमोत्थु ते रयणकुच्छिधारिए, नमोत्थ ते जगपईव-दाईए, धन्नासि तुम देवाणुप्पिए ! पुन्नासि तुम देवाणुप्पिए ! कयत्थासि तुम देवाणुप्पिए ! कयलक्खणासि तुम देवाणुप्पिए ! सुलद्धेणं तुमए देवाणुप्पिए ! जम्मजीवियफले जा तुमं भवियकमलपडिबोहणकरं अन्नाणतिमिरविद्धसणसहं पुवदिस व्व जिणदिणयरं पसूया अविग्धं भे भवउ । अहण्णं देवाणुप्पिए ! सक्के देविदे देवराया भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं काउं समागए ता न तुब्भेहिं भाइव्व'ति भणिऊण ओसावणि दलयइ दलइत्ता तित्थयरपडिरूवगं विउब्वइ विउव्वित्ता तं भगवओ माऊए पासे ठवेइ ठवित्ता पंचसक्के विउवइ विउन्वित्ता एगे सक्के आयंते चोक्खे परमसुइभूए सरससुरहि-गोसीस-चंदणविलित्तकरजुगे कयप्पणामे अणुजाणाहि तुम भगवं ! तिकटु भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेहिं गेण्हइ, गिण्हित्ता सहरिसं ससंभमं एगे सक्के पिट्ठओ धवलं आयवत्तं धरेइ, उभओ पासिं दुवे सक्का चामरुक्खेवं करेंति, एगे सक्के पुरओ वज्जपाणिं' पकड्ढइ ।
तएणं से सक्के चउरासीए सामाणीयसाहस्सीहिं अन्नेहिं य बहुहिं देवेहिं देवीहि य सद्धि संपरिवुडे ताए उक्किद्वाए दिवाए देवगईए वीईवयमाणे वीईवयमाणे जेणेव मंदरे पव्वए जेणेव पंडगवणे जेणेव मंदरचूलियाए दाहिणे अइपंडुकंबलसिलाए अभिसेयसीहासणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता सिंहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सन्निसण्णे ।
तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविदे देवराया सूलपाणी वसभवाहणे सुरिंदे उत्तरद्धलोयाहिवई अट्ठावीस विमाणावाससयसहस्साहिवई अरयंबरवत्थधरे एवं जहा सक्के । इमं पुण नाणत्तं महाघोसा घंटा लहपरक्कमे पायत्ताणीयाहिवई पुप्फओ विमाणकारी, दक्खिणे निज्जाणभूमी उत्तरपुरस्थिमे रइकरगपव्वओ मंदरे समोसरिओ भत्तीए भगवंतं पज्जुवासेइ । एवं सेसा वि इंदा भाणियव्वा जाव अच्चुओ त्ति । इमं नाणत्तं । चउरासीइ असीई, बावत्तरि सत्तरिय सट्ठी य । पन्ना चत्तालीसा तीसा वीसा दस सहस्सा ॥११४८॥
एसा आणुपुवीए सोहम्माईसु सामाणियाणं देवाणं संखा ।
बत्तीसट्टावीसा, बारसअट्टचउरो सयसहस्सा। पन्ना चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे ॥११४९।। आणय पाणयकप्पे चतारि सधारणच्चुए तिण्णि । एसा विमाणसंखा सोहम्माईसु विण्णेया ।।११५०।।
इमे जाणविमाणकारी देवा। तं जहा-- पालय पुप्फय सोमणसे, सिरिवच्छे, चेव नंदियावत्ते । कामगमे, पीइगमे, मणोरमे, विमले, सव्वओभद्दे ।।११५१।।
- सोहम्मगाणं सगंकुमारगाणं बंभलोयगाणं महासुक्कगाणं पाणयगाणं इंदाणं सुघोसाघंटा, हरिणेगमेसी पायत्ताणियाहिवई, उतरिल्ला निजाणभूमी, दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए।
. ईसाणगाणं माहिंद-लंतग-सहस्सार-अच्चयगाण य इंदाण महाघोसा घंटा, लहुपरक्कमो पायत्ताणियाहिवई, दक्खिणिल्ले निजाणमग्गे, उत्तरथिमिल्ले रइकरगपबए। आयरक्खा सामाणियचउग्गुणा, सव्वेसिं जाणविमाणा सव्वेसि जोयणसबसस्सवित्यिण्णा उच्चतेणं सविमाणमाणा, महिंदज्झया सव्वेसिं जोयणसाहस्सिया, सक्कवज्जा मंदरे समोयरंति भगवंतं तित्थयरं पज्जवासिति ।
तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरे असुरिंदे असुरराया चमरचंचाए रायहाणीए, सुहम्माए सभाए चमरंसि सिंहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं, बत्तीसाए तायत्तीसेहिं, चउहिं लोगपालेहिं, पंचहिं अग्गमहिसीहिं, सपरिवाराहिं, तिहिं परिसाहिं, सत्तहिं अणिएहि, सत्तहिं अणियाहिवईहिं, चउहि चउसट्ठीहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य बहूहिं असुरकुमारदेवेहि य देवीहिं य सद्धि संपरिबुडे विउलाई भोग-भोगाइं भुंजमाणे विरहइ । जहा सक्के नाणत्तं-पुण दुमो १ वत्तं धरेइ उभ जे० । २ पाणिं पगच्छइ जे० ।
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