Book Title: Jugaijinandachariyam
Author(s): Vardhmansuri, Rupendrakumar Pagariya, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 303
________________ २६२ जुगाइजिणिदचरिय अप्पुट्ठो वि हु भगवं रिसहो भवियाण जाणणट्ठाए । नामाई गईयंतं दसारवत्तव्वयं भणइ ॥३१९४।। चक्कहरबलद्धबला निखंडमहिमंडलस्स भोत्तारो। नवबलदेवा नवकेसवा य होहिंति इह भरहे ॥३१९५।। तिविठू य दुविठू य सयंभुपुरिसोत्तिमे पुरिरससीहे। तह पुरिसपुंडरीए दत्ते नारायणे कण्हे ॥३१९६।। अयले विजए भद्दे सुप्पभे य सुदंसणे । आणंदे णंदणे पउमे रामे या वि अपच्छिमे ॥३१९७।। आसग्गीवे तारए मेरए महुकेढवे निसंभे य । बलिपहराए तह रामणे य नवमे जरासिंधू ॥३१९८।। एए खलु पडिसत्तू कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । सव्वे वि चक्कजोही सव्वे वि हया सचक्केहिं ॥३१९९।। नीलुप्पलदलवण्णा सव्वे वि हु केसवा मुणेयव्वा । हिमयरहरहाससमप्पहा य हलहरिणो सम्बे ॥३२०० ।। असिई धणूसियंगो तिविठ्ठनामेण केसवो पढमो । सत्तरिसरासणाई समृसियंगो दुविठू य ॥३२०१।। सट्ठी चावसमूसियदेहो केसी सयंभुनामेण। तह पन्नासधणूसियदेहो पुरिसोत्तिमो नाम ॥३२०२।। पणयालीस सरासणसमूसिओ पुरिससीहनामो त्ति । तह पुरिसपुंडरीओ एगूणतीसं धणुपमाणो ॥३२०३।। छव्वीसधणुपमाणो दत्तो नामेण केसवो होहो । सोलसधणूसियंगो नारायणनामओ केसी ॥३२०४।। तह दससरासणाई समूसिओ कण्हनामओ केसी । जं चेव तणुपमाणं हरीण तह हलहराणं ॥३२०५।। सेयंसम्मि तिविठू केसिदुविठ्ठ य वासुपुज्जम्मि। विमले सयंभुनामा पुरिसोत्तिमणंतइजिणम्मि ॥३२०६।। धम्मम्मि पुरिससीहो पंच इमे जिणवरे नमसंति । तह पुरिसपुंडरीओ दत्तो अरमल्लिअंतरए ॥३२०७।। नारायणकेसी पुण मुणिसुव्वयनमिजिणाण अंतरए। नेमिकमकमलभसलो होही कण्हो त्ति पच्छिमओ ॥३२०८।। चउरासी संवच्छरलक्खा आऊ तिविठू नामस्स। बावत्तरिसंवच्छरलक्खा आऊ दुविठुस्स ॥३२०९।। तह सट्ठिवरिसलक्खा आउम्मि सयंभुनामकेसिस्स । वरिसाण तीस लक्ख। पुरिसोत्तिमकेसवस्साउं ॥३२१०।। दसवरिससयसहस्सा आउं केसिस्स पुरिससीहस्स । तह पुरिसपुंडरीए पन्नट्ठीवाससहस्साई ॥३२११।। छप्पण्णवरिससहसा आउं दत्ताभिहाण केसिस्स । नारायणस्स बारसवरिससहस्सं च कण्हस्स ॥३२१२।। पंचासी संवच्छरलक्खा आउं बलस्स अयलस्स । पणसयरिसयसहस्सा आउं बलदेवविजयस्स ॥३२१३।। पण्णट्ठिरिसलक्खा आउं बलभद्दभद्दनामस्स । पणपन्नवरिसलक्खा सुप्पभनामस्स आउम्मि ॥३२१४।। सत्तरसवरिसलक्खा बलदेवसुदंसणस्स आउम्मि। पंचासी संवच्छरसहस्स आणंदस्स आउम्मि ॥३२१५।। पन्नट्ठिवरिससहसा नंदणनामस्स आउयं होही । पन्नरसवरिससहस्सा आउं बलदेवपउमस्स ॥३२१६।। बारसवरिससयाइं आउं बलभद्दरामदेवस्स । केसीण हलहराण य आउयमेवं समक्खायं ॥३२१७।। बलदेववासुदेवा अट्ठभविस्संति गोयमसगुत्ता । कासवगुत्ता दोन्नि उ नारायणपउमनामाणो ॥३२१८।। पोयणपुरे भविस्सति तिविठुनामेण पढममहुमहणो । बारवईए दुविठू सयंभुपुरिसोत्तिमो चेव ॥३२१९।। अस्सपुरिपुरिससीहो चक्कपुरे पुरिसपुंडरीओ य । वाणारसिनयरीए दत्तो नामेण महुमहणो ॥३२२० ।। रायगिहम्मि भविस्सइ केसीनारायणो त्ति नामेण । महुराए पुरवरीए कण्हो नामेण पच्छिमओ ॥३२२१।। मियावई उमा चेव पुढवीसीया य अम्मया । लच्छिवई सेसवई केगमइदेवई इय ॥३२२२।। भद्दा य तह सुभद्दा' सुप्पभा य सुदंसणा । विजया वेजयंती य जयंती नाम सत्तमा ॥३२२३।। १सुमित्ता जे०। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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