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___कर्ता
समय
ग्रन्थ श्री चन्द्रर्षि महत्तर विक्रम की तीसरी शती | 'पंचसंग्रह' सटीक श्री शिवशर्मसूरि प्रायः विक्रम की चौथी 'कम्मपयडी' और शती
शतक नामा पांचवां
कर्मग्रन्थ वाचक संघदास महत्तर | विक्रम की चौथी शती वसुदेवहिंडी प्रथम
भाग, ७६०० गाथाप्रमाण, बृहत्कल्प पर लघुभाष्य और पंचकल्प पर २५७४ गाथा
प्रमाण महाभाष्य । | श्री धर्मसेन गणी विक्रमी चौथी शती वसुदेवहिंडी द्वितीय भाग श्री अगस्यसिंहसूरि प्रायः विक्रम की दशवैकालिक चूर्णी
पांचवी शती श्री शीलांकसूरि वी०नि० ९२५
चउपन्न महापुरिसचरियं | श्री कोट्याचार्य विक्रम की सातवीं शती विशेषावश्यक भाष्य
पर टीका आचार्य सिंहसूरि विक्रम की सातवीं शती द्वादशारनयचक्र पर क्षमाश्रमण
न्यायागमानुसारिणी
टीका श्री सिद्धसेन गणी वि. की सातवीं आठवीं सभाष्यतत्त्वार्थ पर शती
टीका श्री जिनदासगणी- विक्रम की आठवीं शती । नंदिचूर्णी, अनुयोगद्वारमहत्तर
चूर्णी और निशीथ चूर्णी
सन गणी
आ.श्री उद्योतनसूरि
वि०सं० ७८५
कुवलयमाला