Book Title: Dharm Pariksha Part 01
Author(s): Chandrashekharvijay
Publisher: Kamal Prakashan Trust
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२०५०४ धर्मपरीक्षा CCCCC
११९. उत्तरः- दशवैकालिकपाठस्य सम्यगर्थकरणं, न हि तत्र निह्नव एव, किन्तु तप:
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स्तेनादिरधिकृतः
१२०. आगमपाठः उत्कृष्टफलप्रदर्शनपरः
१२१. हिंसकस्यापि भवान्तरे प्रायश्चित्तादि - अनुपपत्तिः इति प्रतिबन्दिः
१२२. प्रश्न:- हिंसादिपापस्य भवान्तरे प्रायश्चित्तादिर्घटते, तथाभव्यताविशेषात्
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१३४
१२३. उत्तर:- - उत्सूत्र भाषणेऽपि तुल्यमिदं
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१२४. प्रश्न:-उत्सूत्रभाषिणामनन्तसंसारानियमाद् उत्सूत्रभाषणस्य भयं न स्यात् १२५. उत्तरः-बाहुल्योक्तफलापेक्षया हिंसादेरिवोत्सूत्र भाषणादपि आस्तिकस्य भयोपपत्तिः १३७ १२६. आस्तिक्यं हि असत्प्रवृत्तिभयनिमित्तम्
१३७
મહામહોપાધ્યાય યશોવિજયજી વિરચિત ધર્મપરીક્ષા - ચન્દ્રશેખરીયા ટીકા + વિવેચન સહિત
૧૪
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