Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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लेपप्रकरणम् ]
पञ्चमो भागः
२८३
१-१ भाग गन्धक और जवाखारको सरसों- (८०५२) सुदर्शनामूलयोगः के तेल में घोट कर लेप करनेसे सिध्म (छीप) का (ग. नि. । कुष्ठा. ३६) नाश होता है।
सौदर्शनी शिफां पिष्ट्वा लेपं कुर्यात्सजीरकाम् । (८०४९) सिन्दूरादिलेपः
| कानिकेन जयेद्रं श्वित्रघ्नी कांस्यसंस्थिता ॥ (र. र. रसा. खं. । उप. ५)
सुदर्शनाकी जड़ और जीरेका चूर्ण समान सिन्दूरस्य समं चूर्ण साबुणं च तयोः समम् ।
भाग ले कर दोनेांको कांजीमें पीसकर लेप करनेसे तज्जले पेषितं लेप्यं तत्क्षणाकचरञ्जनम् ॥
दाद नष्ट हो जाता है।
इस लेपको २४ घंटे कांसीके पात्रमें रक्खा सिन्दूर और पत्थरका चूना १-१ भाग तथा
रहनेके पश्चात् लगानेसे श्वित्र नष्ट हो जाता है। साबुन २ भाग ले कर तीनोंको एकत्र मिला कर पानीके साथ पीस कर लेप करनेसे सफेद बाल
(८०५३) सुधादिलेपः तुरन्त ही काले हो जाते हैं।
(वृ. नि. २. । अग्निदग्धव्रणा.) (८०५०) सिन्दरायो लेपः सुधां पुरातनी दधिवारिणा परिपेषिताम् । (ग. नि. | कुष्टा. ३६ ; रा. मा. । कुष्ठा. ८)
| लेपनं तैलदग्धस्य विस्फोटव्याधिनाशनम् ॥ सिन्दरमरिचक्षोदयुक्तेनाभ्यङ्गयोगतः।। बहुत दिनांके पुराने पत्थरके चूनेको दहीके माहिषेणाचिरात्पामा नवनीतेन नश्यति ॥
पानीमें पीस कर लेप करनेसे अग्निदग्ध वण नष्ट __ सिन्दूर और काली मिरचके १-१ भाग होते हैं। चूर्णको भैसके मक्खनमें मिला कर लेप करनेसे
(८०५४) स्वचिकाद्यो लेपः पामा (खुजली) अत्यन्त शीघ्र नष्ट हो जाती है।
(ग. नि. । अर्शी.) (८०५१) सिंहास्यादिलेपः सुवर्चिका विडं दन्ती भल्लातकमयो बचा । (यो. र. । विपादिका. ; वृ. यो. त.।। | चित्रकोऽस्त्रिकटुकं स्नुहीक्षीरेण पेपयेत् ।। त. १२०)
| एतदालेपन श्रेष्ठमर्शसां क्षारसम्मितम् । कोमलसिंहास्यदल सनिशं सुरभीजलेन दह्यते सप्तरात्रेण पुंसत्वं च न विनश्यति ॥
सम्पिष्टम् । | सज्जी, बिड लवण, दन्तीमूल, भिलावा, बच, दिवसत्रयेण नियतं शमयति कच्छ विलेपनतः।। चीता, आककी जड़, सांठ, मिर्च, पीपल और
बासे (असे) की कोंपल और हल्दीका जवाखार समान भाग ले कर बारीक चूर्ण बनावें चूर्ण समान भाग ले कर गोमूत्रमें पीस कर | और उसे थूहरके दूधमें घोट कर लेप बना लें। लेप करनेसे कच्छूका तीन दिनमें ही अवश्य नाश इसे लगानेसे सात दिनमें अर्शके मस्से नष्ट हो जाते हो जाता है।
हैं और पुंसत्वको हानि नहीं पहुंचती ।
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