Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 621
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शूल] पञ्चमो भागः ( चि. प. प्र.) ६०६ - - - ७६५४ शूल गजकेसरी ८१५६ समीरशूलेभहरिः वातजशूल रसः असाध्य शूल | ८१७४ सर्वतोभद्र लौहः त्रिक शूल, कटि शूल, ७६५५ , , , शूल मुखस्राव, नाभिसे ऊप७६५६ , , , शूल रका आम ज्वर | ८१८५ सर्वांगसुन्दररसः शल, गुल्म ७६५७ , , , समस्त उपद्रव युक्त शूल ७६५८ शूलगजकेसरीरसः समस्त शूल ८१८९ , , , समस्त शल, कफवातज ७६५९ शूलदावानलरसः रोग , " ७६६० शूलराजलौहम् सर्वदोषज कुक्षि शूल, ८१९२ सर्वेश्वर चूर्णम् समस्त शूल, उदररोग, हृदयः शूल, पार्श्व शूल, अग्निमांध ____ अम्लपित्त, विसूचिका ८२०८ सामुद्राय चूर्णम् परिणामांशल और नाभि७६६१ शूलवज्रिणी शूलमें अत्यन्त प्रभावशाली वटिका समस्त शूल, गुल्म, शोथ, ८२८२ सूर्यप्रभावटी आठ प्रकारके शूल पिपासादि ८६.१० हरातकी खण्डः दुर्जय अम्लपित्त, अन्न७६६२ शूलसिंहरसः कफज शूल द्रव शूल, समस्त शूल, .७६६३ शुलहरक्षारः शूलको तत्काल नष्ट क कासादि रता है। । ८६१५ हरीतक्यादि योगः समस्त शूल ७६६४ शूलहरणयोगः शूल, ग्रहणी, अतिसार, ८६१७ वटी पुराना भयंकर शूल, अग्निमांद्य अतिसार, अजीर्ण ७६६५ शूलान्तकरसः समस्त शूल नाशक, रेचक | ८७४४ क्षारताम्र रसः समस्त शूल ७६६६ , , परिणाम शूल, अम्लपित्त, ८७४५ , , वातज शूल वमन, अन्नद्रव शूल ८७४८ क्षीरमण्डूरम् पक्ति शूल ७६६७ शूलेभर्सिहिनीगु० शूल, नेत्रस्राव ७६८७ श्लेष्मान्तकरस. कफज शूल, अग्मिांध मिश्र-प्रकरणम् ७७६८ षण्मुखो रसः आमशूल ८७६४ क्षाराम्बु योगः वातकफज शूल For Private And Personal Use Only

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