Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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भूलरोगाधिकारः]
पश्चमो भागः (चि. १. प्र.)
६०७
(५६) शूलाधिकारः कषाय-प्रकरणम्
८४९९ हिङ्ग्वादिचू० कुक्षि, पार्श्व, हृदय और ७१९५ शतावर्यादिक्वाथः दाह, शूल ज्वर
बस्ति का शूल ७१९६ , , , , पित्त
८५०० , , शूल, अफारा, ज्वर, ७२१८ शिक्वाथः पार्च हद्वस्ति शूल
मलावरोध ७२३६ शुण्ठ्यादिकल्कः परिणाम शूल, आमवात
__ शल, प्लीहा ७२५३ शूलप्रशमनो दशको
८५०२ ,
__ शल, वातगुल्म महाकषायः
८५०३ ॥ ८४३४ हिङ्ग्यादि क्वाथः वातज शूल
पार्श्व हृदय बस्ति और ८४३५ , , शूल, गुल्म
योनि शूल, अक्षारा पूर्णपकरणम्
८५०७ , , प्रवृ वातज शल
८७१० क्षारामृत , शूल, आमाह, गुर्ब्रश, १२९६ शर्कराचं चूर्णम् शलके लिये अमृतोपम |
दाह, उद्गार अधिक सरलयोग
आना, वमन ७३०० शार्दूल , शूल, आनाह ८७१३ क्षुद्र करवन्दयोगः मन्त्र शल ७३.१ , , कोठरुजा इत्यादि ७३०६ शियादि , शल
गुटिका-प्रकरणम् ७८५४ सुवर्चलादि योगः वातजशूल
| ७९०२ सुवर्चलादिगुटिका वासज शूल ७८५५ , , शूल
८५२२ हिङ्ग्वादि , वातज , ७८६५ सैन्धवादि चूर्णम् शूल
८५२३ हिङ्वाचा वटी पार्व कुक्षि और ७८६८ , , वातज शूल
हृदयशूल ७८८४ सौवर्चलायं, शूल, गुल्म ८४९३ हिग्यादि , पार्व हृदय कमर और
तुल-प्रकरणम् पीठका शुल, शोथ, ७९१४ तविंशतिको आनाह
गुग्गुलुः पार्श्व कटि वंक्षण कुक्षि ८४९५ ॥ ॥ वातज शूल, विचिका
हृदयशूल ८४९८ , , शूल, अतिसार
૧૦૮
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