Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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९८
भारत-भैषज्य-रत्नाकरः
[ रसायन
-
८३७४
लेप-प्रकरणम्
। ८२९८ सौगत वटी अत्यन्त स्तम्भक, लिंगको ८०६८ स्तम्भक लेपः अत्यन्त स्तम्भक
दृढ़ करता है। ८०६९ स्थूली करण लेपः लिंग वर्द्धक
८३४५ स्वर्णमाक्षिकादि
पूर्णम् अत्यन्त वाजीकरण रस-प्रकरणम्
८३६७ स्वर्णयोगः सन्तान वर्द्धक
८३६८ , , अरिष्ट लक्षणोंवाला व्यक्ति ७५२५ शक्रवल्लभो रसः वाजीकरण, स्तम्भक
सुरक्षित रहता है । ७५६९ शतावरी मोदकः अत्यन्त वाजीकरण
८३७२ , , अलक्ष्मी नाशक ८५८१ शशाङ्क रसः , ,
८३७३ , , प्रभाव (रोब) वर्द्धक ७५९६ शिलाजतु योगः १५ दिनमें दुर्बल शरीर
" , अलक्ष्मी नाशक, आयु और क्षीणधातु व्यक्तिको
बल वर्द्धक पुष्ट कर देता है।
८३७५ , , बल, वर्ण, मेधा, देहवर्धक ७६१९ शिलावीररसः जरा नाशक, आयुवर्तक ३८० स्वर्ण सिन्दरम् सर्वरोग नाशक, बलवीय ७६४८ शुक्रस्तम्भकरा
वर्द्धक वटकाः अत्यन्त स्तम्भक . ८३८२ स्वल्पचन्द्रोदय ७७६७ षण्मुखो रसः नपुंसकता
मकरध्वजः अस्यन्त वाजीकरण,बल ८१९३ सर्वेश्वरचूर्णम् शरीरको रोग रहित
वीर्य अग्नि वर्द्धक
८६०० हरशशाङ्करसः काम वर्द्धक, आयु, तेज, ८२२१ सिद्धयोगेश्वरः १ वर्ष तक सेवन करनेसे
बल और लावण्यको वृद्धावस्था नहीं आती
बढ़ाता है। अत्यन्त स्तम्भक, वीर्य | ८६०१ , , अत्यन्त कामबर्द्धक वर्द्धक
८६११ हरीतकीयोगः जरा नाशक ८२२३ सिद्धशाल्मली
| ८६१२ हरीतक्यवलेहः समस्त रोग कल्पः अत्यन्त वाजीकरण
| ८६१६ हरीतक्यादि
रसायनम् वजभंग नाशक बलवर्द्धक
पलित नाशक ८२२५ सिद्धसूतः
८६१९ हाटकेश्वरी गु० जरामृत्यु नाशक ८२२० सिन्दूरादिवटी वर्यप्तम्भक
८६४९ हीरावेथ्यो रसः आयु सुख सन्तान पुष्टि : समुन्दरीगुटिका स्मायन
आदि बढ़ाता है। गोड रस बलयदक वजभंगनाशक
८६७० हेमसुन्दररसः जरामृत्युनाशक मि. रसः पुगने के श. नख, दन्तादि गिरक :
८६७२ , , , समस्त रोग नाशक बनाते हैं ।
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