Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 611
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रसायन ] पञ्चमो भागः (चि. प. प्र.) - - मिश्र-प्रकरणम् ८३९४ सिद्ध शाल्मली ७७२५ शीतोदकादि कल्पः अत्यन्त वाजीकरण योगः __ आयु स्थापक ८४१३ स्वगुप्ताद्यो योगः वाजीकरण ७७३५ श्रीसिद्धमोदकः सर्व रोग नाशक, सर्व ८६९१ हरीतकीरसायनम् अक्षय बल वर्द्धक शक्ति वर्द्धक, अदभुत् योग ८७७० क्षीर योगः अत्यन्त बलकारक (१६) रसोपरसादिशोधनमारणाधिकारः ७६०५ शिलाजतु मारणम् ८८३३ ८ स्वर्णमाक्षिकशोधनम् सैन्धव निम्बु ७६०९ , शोधनम् योगसे ७६४६ शुक्ति , ८३३९ ८९५७ समुद्रफेन , ८३४० स्वर्णमाक्षिकशेधनमारणम् ८२२८ सिन्दूर , ८३४१ , स पात सा पातनम् ८२९४ सोमल , ८३४२ , , ८३०६ सौराष्ट्रीशोधनमारणम् ८३४३ , ८३४४ ८३०७ सौवीराजनादि शोधनम् ८३४७०-८३६६ स्वर्ण मारणम् ८३१२ स्फटिका शोधनम् ८३१४ स्रोतोञ्जन , ८३७६-८३७९ स्वर्ण शोधनम् ८४०८ स्नुक् क्षीर शोधनम् ८३३१ स्वर्णमाक्षिक द्रावणम् ८६२३ हिगुल शोधनम् ८३३२ , मारणम् गंधकयोगसे ८६२९ हिंगुला पारदनिस्सारणम् सिन्दूराम भस्म " , कुलत्थ योगसे ८६३१ ८३३६ , शोधनम् ८६९४ हिंगु शोधनम् ८३३७ , कुलथ काथमें ८६४४ हीरक मारणम् दोलायन्त्रसे ८६४५-८६४७ ,, शोधनम् سه س For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633