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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ९८ भारत-भैषज्य-रत्नाकरः [ रसायन - ८३७४ लेप-प्रकरणम् । ८२९८ सौगत वटी अत्यन्त स्तम्भक, लिंगको ८०६८ स्तम्भक लेपः अत्यन्त स्तम्भक दृढ़ करता है। ८०६९ स्थूली करण लेपः लिंग वर्द्धक ८३४५ स्वर्णमाक्षिकादि पूर्णम् अत्यन्त वाजीकरण रस-प्रकरणम् ८३६७ स्वर्णयोगः सन्तान वर्द्धक ८३६८ , , अरिष्ट लक्षणोंवाला व्यक्ति ७५२५ शक्रवल्लभो रसः वाजीकरण, स्तम्भक सुरक्षित रहता है । ७५६९ शतावरी मोदकः अत्यन्त वाजीकरण ८३७२ , , अलक्ष्मी नाशक ८५८१ शशाङ्क रसः , , ८३७३ , , प्रभाव (रोब) वर्द्धक ७५९६ शिलाजतु योगः १५ दिनमें दुर्बल शरीर " , अलक्ष्मी नाशक, आयु और क्षीणधातु व्यक्तिको बल वर्द्धक पुष्ट कर देता है। ८३७५ , , बल, वर्ण, मेधा, देहवर्धक ७६१९ शिलावीररसः जरा नाशक, आयुवर्तक ३८० स्वर्ण सिन्दरम् सर्वरोग नाशक, बलवीय ७६४८ शुक्रस्तम्भकरा वर्द्धक वटकाः अत्यन्त स्तम्भक . ८३८२ स्वल्पचन्द्रोदय ७७६७ षण्मुखो रसः नपुंसकता मकरध्वजः अस्यन्त वाजीकरण,बल ८१९३ सर्वेश्वरचूर्णम् शरीरको रोग रहित वीर्य अग्नि वर्द्धक ८६०० हरशशाङ्करसः काम वर्द्धक, आयु, तेज, ८२२१ सिद्धयोगेश्वरः १ वर्ष तक सेवन करनेसे बल और लावण्यको वृद्धावस्था नहीं आती बढ़ाता है। अत्यन्त स्तम्भक, वीर्य | ८६०१ , , अत्यन्त कामबर्द्धक वर्द्धक ८६११ हरीतकीयोगः जरा नाशक ८२२३ सिद्धशाल्मली | ८६१२ हरीतक्यवलेहः समस्त रोग कल्पः अत्यन्त वाजीकरण | ८६१६ हरीतक्यादि रसायनम् वजभंग नाशक बलवर्द्धक पलित नाशक ८२२५ सिद्धसूतः ८६१९ हाटकेश्वरी गु० जरामृत्यु नाशक ८२२० सिन्दूरादिवटी वर्यप्तम्भक ८६४९ हीरावेथ्यो रसः आयु सुख सन्तान पुष्टि : समुन्दरीगुटिका स्मायन आदि बढ़ाता है। गोड रस बलयदक वजभंगनाशक ८६७० हेमसुन्दररसः जरामृत्युनाशक मि. रसः पुगने के श. नख, दन्तादि गिरक : ८६७२ , , , समस्त रोग नाशक बनाते हैं । For Private And Personal Use Only
SR No.020118
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages633
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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