Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 600
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तृषा - ५८५ पञ्चमो भागः (चि. प. प्र.) (२८) तृषाधिकारः मिश्र-प्रकरणम् ८७६६ क्षीरगण्डूपः तालुशोष (२९) दाहाधिकारः लेप-प्रकरणम् ८०३६ सहस्रधौतसर्पि लेपः मिश्र-प्रकरणम् दाहनाशक ८६९९ f दिया अवगाहन दाह स्नान (३०) नासारोगाधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् । ७९९६ सुमुखाद्यं तै० नासाश ७२८३ शल्यादिचू० घोर प्रतिश्याय, हृदयशूल | ७९९७ सुरसा दे , पूतिनासा । ८५४७ हिंग्यादि , नासारोग ___ गुटिका-प्रकरणम् ७९०१ सुधावटो प्रतिश्याय, श्वास, कास, नस्य-पकरणम् हृद्रोग। ७५२२ शुष्कगोमयादि योगः नकसीर घृत-प्रकरणम् ७७५६ षड् बिन्दुवृतम् पीनस, नासास्थिकरोग, | ७५२४ शृङ्गयादिनावन योगः अनेक शिरोरोग. ७९४९ सर्जादि , नासापाक ८५९३ हरीतक्यादि . नस्यम् पुरानी नकसीर तैल-प्रकरणम् ७४१० शिखरीतैलम् नासार्श मिश्र-प्रकरणम् ७४१२ शिग्रु , नासा रोग ७७२० शिशिरजल ३ दिनमें कठिन और ७४१३ शिवादि, पूति नासा रोग योगः पक्व पीनसको नष्ट ७४१५ शुण्ठी , क्षवथु रोग करता है। For Private And Personal Use Only

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