Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 607
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ५६२ ७४६९ शिरीषवल्कलादि लेपः चूर्ण-प्रकरणम् ७३०२ शिरीषादिचूर्णम् मसूरिका की फुंसियों का क्लेद लेप-प्रकरणम् ७४७१ शिरीषादिलेपः = ७४७३ 99 ७४७५ शिरीषाष्टकः " www. kobatirth.org समस्त प्रकारका विस्फो टक भारत - मैषज्य रत्नाकरः विस्फोटक विस्फोटकको शीघ्र नष्ट करता है । कषाय-प्रकरणम मसूरिका, प्रस्वेद, विस्फोटक, विसर्प, दुर्गन्ध ७२२९ शीतप्रशमनो दशको महाकषायः ७२३० शुक्रजननो दशको महाकषायः ७२३१ शुक्रशोधनो दशको महाकषायः ७२६६ श्रमहरो दशको महाकषायः [ मिश्रधिकार ८०२६ सर्जरसादि लेपः मसूरिकाके प्रारम्भमें लेप करने से वह नष्ट हो जाती है। ८५६८ हलिन्यादि लेपः विस्फोटक रस-प्रकरणम् ८१७० सर्वतोभद्ररसः मसूरिका, सर्वरोग ८२५३ सूतभस्म योग : विस्फोटक ८३३४ स्वर्णमाक्षिकयोगः छिपी हुई मसूरिकाको बाहर निकालता है । (३८) मिश्राधिकारः Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लेप-प्रकरणम् ८३९७ सीसकादि योग: केशकल्प ८३९८ केशकल्प و For Private And Personal Use Only 17 मिश्र-प्रकरणम् ८६८२ हरिद्रावचादि शोधनम् ८६८४ हरीतकी कल्पः हरेकी विविध सेवन विधियां ८७५५ क्षारनिर्माण विधिः ८७६० क्षारवर्गः ८७६५ क्षाराष्टकम्

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