Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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७४६९ शिरीषवल्कलादि
लेपः
चूर्ण-प्रकरणम् ७३०२ शिरीषादिचूर्णम् मसूरिका की फुंसियों का क्लेद
लेप-प्रकरणम्
७४७१ शिरीषादिलेपः
= ७४७३
99
७४७५ शिरीषाष्टकः
"
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समस्त प्रकारका विस्फो
टक
भारत - मैषज्य रत्नाकरः
विस्फोटक
विस्फोटकको शीघ्र नष्ट करता है ।
कषाय-प्रकरणम
मसूरिका, प्रस्वेद, विस्फोटक, विसर्प, दुर्गन्ध
७२२९ शीतप्रशमनो दशको
महाकषायः
७२३० शुक्रजननो दशको
महाकषायः
७२३१ शुक्रशोधनो दशको
महाकषायः
७२६६ श्रमहरो दशको महाकषायः
[ मिश्रधिकार
८०२६ सर्जरसादि लेपः मसूरिकाके प्रारम्भमें लेप करने से वह नष्ट हो जाती है।
८५६८ हलिन्यादि लेपः विस्फोटक
रस-प्रकरणम्
८१७० सर्वतोभद्ररसः मसूरिका, सर्वरोग
८२५३ सूतभस्म योग : विस्फोटक
८३३४ स्वर्णमाक्षिकयोगः छिपी हुई मसूरिकाको बाहर निकालता है ।
(३८) मिश्राधिकारः
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लेप-प्रकरणम्
८३९७ सीसकादि योग: केशकल्प
८३९८
केशकल्प
و
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मिश्र-प्रकरणम्
८६८२ हरिद्रावचादि शोधनम्
८६८४ हरीतकी कल्पः हरेकी विविध सेवन
विधियां
८७५५ क्षारनिर्माण विधिः
८७६० क्षारवर्गः ८७६५ क्षाराष्टकम्
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