Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपस्मारोन्माद]
पञ्चमो भागः (चि. प. प्र.)
५५६
-
(३) अपस्मारोन्मादाधिकारः कपाय-प्रकरणम्
तैल-प्रकरणम् ७१९१ शतावरी योग: अपस्मार
७४११ शिग्रुतैलम् अपम्मार
चूर्ण-प्रकरणम् ७८३७ सारस्वत चूर्णम् उन्माद नाशक । तुद्धि,
__ स्मृति, मेधा वर्द्धक
आसवारिष्ट-प्रकरणम् ८०१९ सारस्वतारिष्टः स्मृतिवर्द्धक, वाणशाधक
अञ्जन-प्रकरणम् ७५०७ शिरीषाद्यञ्जनम् उन्माद ८०८३ सञ्ज्ञाप्रबोधनरसः अपस्मार
घृत-प्रकरणम् ७३५७ शङ्कपुष्प्याय
घृतम् अपस्मार, उन्माद ७९५१ सारस्वतघृतम् उन्मादनाशक मेवा, स्मृति
और आयु वर्द्धक । ७९५२ सारस्वतवृतम् अत्यन्त स्मृतिवर्द्धक ७९६१ सूर्योदयधृतम् अपस्मार, घोर उन्माद,
दाह, विष, भूतापशाच
वाया। ७९६२ मैंन्धववृतम अपस्मार, ग्रहदोष ७९६३ सोम घृतम् अत्यन्तस्मृतिवर्द्धक ८५३२ हिग्वादि घृतम् उन्माद ८५३३ , , देवपहजनित उन्माद
रस प्रकरणम् ८१५३ समीरगजकेसरी
रसः अपस्मारमें उत्तम १८७ सागसन्दरग्सः अपस्मार वातव्यापि शूल ८२५८ सूतभस्मयोगः अपस्मार ८३१३ स्मृतिसागर ग्यः ८३७
अपस्मार, उन्माद, चित्त. भ्रम, भूतबाधा।
(४) अम्लपित्ताधिकारः चूर्ण-प्रकरणम्
अवलेह-प्रकरणम ७८२९ समसप्तकं चू, अम्लपित्त, अरुचि.अब ७३५३ शुण्ठीखण्डः आलपित, शूल, वमन साद, परिणामशूल
घृत-प्रकरणम् ८४५९ हरीतक्यादि ,, कण्ठकी दाह, पित्त, कफ ७३६९ शतावरी तम् अम्लपित्त, तुषा, मर्जी ८५११ हिंग्वादियोगः अग्लपित्त
संताप
१०२
For Private And Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633