Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 582
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कास, श्वास, हिका ] ७२८६ शय्याचं चूर्णम् तमक स्वास, हिचकी ७२९७ शर्करासमं चूर्णम् श्वास, अरुचि, अग्नि मांध ७३१२ शुण्ठ्या द वातजकास ७३२२ शुण्ठ्या हिचकी ७३२६ शृङ्गचादि हिक्का, श्वास, कास ७३२७ ★ ७३२८ " ८५१९ 31 13 "" ૧૦૩ 29 " " " 37 भयंकर श्वास ८४४९ हरिद्रादि ८४९१ हिङ्गवादि कास, श्वास " घृत-प्रकरणम् खांसीको शीघ्र नष्ट करता है. ७३५६ टचाद्यं घृतम् कास, हिक्का, श्वास, उरः ७८५२ सुरसाध कास, हिक्का, मलाशूल, पार्श्वशूल वरोध, श्वास, पार्श्वगूल | ७९५६ सिंहामृतघृतम् कास, श्वास, ज्वर, ७८८२ सौवर्चलादि, श्वास, हृद्रोग, अपत न्त्रक " www. kobatirth.org गुटिका-प्रकरणम् ७३४३ स्वासकासनी वटी श्वास, कास ८५१८ हरीतक्यादि पञ्चमो भागः ( चि. प. प्र. ) ७९३४ सितादिह: घोर श्वास को ३ दिनमें ०८७२२ क्षुद्रावलेहः करता है गुटिका प्रवृद्ध, श्वास, कास, नाशक सरल योग । ७९३८ स्वर्णैगैरिकादि लेहः ८५२६ हरीतक्यवलेहः ,, कासनाशक, अग्निदीपक सरल योग । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७९६८ सौवर्चलादिघृतम् ७९७१ स्थिरावतम् ८५३५ हिंस्रादि ८५३६ हिंस्र द्य ८७२३ क्षार 19 19 For Private And Personal Use Only " भयंकर वास को शीघ्र करता है | सरल योग । हिक्कानाशक उत्तम योग । श्वास, कास, हिचकी, पीनस, एकाहिक ज्वर । दवास, कास, ती क्षय । ८७२७ श्रीरामलकघृतम् पित्तज कास ८७२८ क्षीरिघृतम् ५६७ श्वास कास, ज्वर, दाह, क्षत क्षय दवास, कास, अतिसार, अरुचि, अर्श " धूप-प्रकरणम् ७४८९ शरपुंखादि धूपः कास क्षय, श्वास, हिक्का कास, श्वास, हृद्रोग, पार्श्व पीड़ा 39 अग्नि अवलेह - प्रकरणम् ७३४७ राठयादिलेहः कफजकास ७३४९ शर्करादिलेहः पित्तजकास धूम्र-प्रकरणम् ७३५१ शिखिपिच्छलेहः प्रबल हिचकी, श्वास और ८५८० हरिद्रादिधूमः कासको अवश्य नष्ट क दुस्तर छर्दि रता है मांच 1

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