Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८०
भारत-भैपज्य-रत्नाकरः
[ ज्वर
८४२६ हरीतक्यादि मुखकी कटुता, अरुचि,
गुटिका-प्रकरणम् मुखरोग ७८९४ सप्तलाद्यो मोदकः वातकफ ज्वर, पक्वाशय ८४२७ हरीतक्यादि चित्तभ्रम सन्निपात
__ शूल, ( रेचक) ८४३१ हरीतक्यादि ज्वरोत्थ शोथ ८५२० हरीतक्यादिगुटी ज्वर, कास, श्वास, ८४३९ होवेरादिकषायः उग्र पित्तज्वर,तृषा, दाह
मलावरोध, अग्निमांद्य ८७०० क्षुद्रादि क्वाथः जिह्वक सन्निपात ८७०१ , , सम्स शीत ज्वर
अवलेह-प्रकरणम् ८७०२ , , कफवात ज्वर, सन्नि- ७३५० शोरपावलेह वाणी-शोधक
पात, कास, स्वास, पार्श्वशूल, अरुचि
घृत-प्रकरणम् ८७०३ , , समस्त उवर
, ७७५१ षट्पल घृतम् विषम ज्वेर, अग्निमांध,
प्लीहा
-
----
चूर्ण-प्रकरणम् ७३०३ शिरीषादिचूर्णम् विषम ज्वर
तैल-प्रकरणम् ७७४५ षोडशाङ्ग , ज्वर, शूल ७७५७ षट्कर तैलम् वातकफ ज्वर, मेलेरिया, ७७४६ , , समस्त विषम ज्वर
पाक्षिक मासिक द्वय. ७८४६ सुदर्शन , धातुगत, विषम, मानस
मासिक ज्वर और मेले रिया आदि । ७७५८ इगुणतक तै० दाह, शीत अनेक ज्वर तन्द्रा, श्वास, ७७५९ पट्चरण , ज्वर । कास, तृपा, कामला, ७९८० सर्जरसाद्यं , दाह, ज्वर, संताप हृद्रोग, कटिशूल, पार्श्व . ८०१८ स्वर्जिकार्य , दाह
शूल, जानुकूल ८७३३ क्षीरवृक्षाद्य , जीर्ण ज्वरको शीघ्र नष्ट । ७८४७ , , अनेकविध ज्वर
करता है। ७८४८ ,, , सोपद्रव अनेकविध ज्वर ७८४९ सुरसादियोगः सन्निपातकी बेहोशी
लेप-प्रकरणम् ७८९३ स्वेदशोषक चू० प्रस्वेद । ७४६५ शिवादि लेपः कर्णमूल शोथ नाशक ८४६० हरीतक्यादि ,, दुर्जल जनित ज्वर
सरल योग ८४६५ , , सन्निपात
८०४१ सिद्धार्थादि लेपः कर्णमूलशोथ पीड़ा । ८०४२ , ,, समस्त ज्वर
For Private And Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633