Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लेपपकरणम् ]
पञ्चमो भागः
२८१
(८०३८) सारिवादिलेपः (२) मोम मिलावें और फिर शहद तथा अन्य ओष(व. से. । व्रणा.)
धियोंका बारीक चूर्ण मिला लें। एक वा सारिवामूलं सर्वव्रणविशोधनम्। |
इसे लगानेसे घाव नष्ट होते हैं । केवल सारिवाकी जड़को पानीमें पीस कर |
(८०४१) सिद्धार्थादिलेपः (१) लेप करनेसे ही समस्त प्रकारके व्रण शुद्ध हो
(यो. त. । त. २०) जाते हैं।
| सिद्धार्थसैन्धववचागृहधृमविश्वैः (८०३९) सिक्थकतम् (लेपः)
विष्टलेन निशया सहितं च सूक्ष्मम् ।
लेपो हितो रुधिरनाशकरः प्रतीतः (वृ. यो. त. । त. ११६) .
शोफत्रणस्य शमनः सरुजस्य कर्णे ॥ सिक्थकं तथा शङ्खजीरक
सफेद सरसो, सेंधा नमक, बच, घरका धुंवा, शीर्षतैलकं सर्जखादिरौ। सेठ, भौर हल्दी इनका समान भाग मिलित चूर्ण गोघृतं व्रणे साधितं त्विदं
ले कर सबको पानीके साथ अत्यन्त बारीक पीस सिद्धिदं भवेत्क्षतरोगनाशनम् ॥ कर लेप करनेसे सन्निपातमें उत्पन्न होने वाले शंखजीरा (संगजराहत) का चूर्ण, अगरका कर्णमूलकी सूजन और पीडाका नाश होता है । तेल, रालका चूर्ण, कत्थेका चूर्ण और गोघृत
यह उस स्थानमें संचित रक्तको विलीन कर तथा मोम १-१ भाग ले कर प्रथम घीको गरम ! देता है । करके उसमें मोम मिलावें और फिर अन्य ओष- (८०४२) सिद्धार्थादिलेपः (२) धियां मिलाकर खरल कर लें।
(यो. त. । त. २०) इसे लगानेसे घाव नष्ट होता है। सिद्धार्थको बचा हिङ्गु करनः सुरदारु च । (८०४०) सिक्थकादिघृतम् (लेपः) ।
मभिष्ठा त्रिफला श्वेता कटभीत्वकटुत्रयम् ।।
प्रियङ्गुश्च शिरीषं च निशा दावी समांशतः। ( भा. प्र. म. खं. २ । गशोथा.)
अजामूत्रेण सम्पिष्टो गोमूत्रैर्वाथ चूर्णितः ॥ सिक्थककर्दमजीरकमधुपथ्या सर्वमिश्रितं लेपान। सर्वज्वरं निहन्त्याशु सिद्धार्थादिः प्रलेपतः ॥ गव्यं घृतमपहरति विपाकजनितं वर्ण सद्यः॥ सफेद सरसा, वच, हींग, करजकी छाल, ___ मोम, कमलकी जड़के नीचेको कीचड़, जीरा, देवदारु, मजीठ, हर्र, बहेड़ा, आमला, फिटकरी, शहद और हर्र एक एक भाग तथा गायका घी | कटभी (कंटकशिरीष ) की छाल, सेट, मिर्च, ४ भाग ले कर प्रथम घीको गरम करके उसमें | पीपल, फूलप्रियङ्गु, सिरसकी छाल, हल्दी और
For Private And Personal Use Only