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सागरजी म०, मुनिराज श्री शशिप्रभसागरजी म०, बालमुनि श्री महाबल सागरजी म० आदि ने सुन्दर सेवा दी है । उक्त सभी पूज्य मुनियों के हम अत्यन्त ऋणी हैं ।
'आगमधरसूरि' प्रन्थ में आये हुए जीवन प्रसंगों को पढ़कर चिंतन-मनन करें यही हमारी भावना है ।
हम इतने प्रन्थों का प्रकाशन करने में समर्थ हो सके उसमें मुख्यतः पू० साधु भगवन्तों तथा पू० साध्वीजी महाराजों एवं श्रावक श्राविकादि का जो हार्दिक सहयोग मिला है उसके लिए हम उन सबके अत्यन्त आभारी हैं ।
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विक्रम संवत् २०२९ श्री आगमाद्धारक गुरुमंदिर प्रतिष्ठा दिन माघ सुदी ३ मंगलवार
सूरत
पानाचंद साकेरचंद मद्रासी अमरचंद रतनचंद झवेरी शान्तिचंद छगनभाई झवेरी